टिक-टाक पर बने नीम हक़ीम खतरा-ए-जान..
-वैदेही कोठारी (स्वतंत्र पत्रकार)
आज छोटी सी झोपडपट्टी से लेकर बडे से बडे बंगलों वालों के बीच टिक-टाक पूरी तरह से छाया हुआ है। मजदूर हो या फिल्म स्टार सभी लोग टिक-टाक पर अपनी कला दिखा रहे है। ये ऐसा प्लेटफार्म हे जिसमे अमीर,गरीब,बच्चा, बुजर्ग,जवान,पुरूष,महिला,लडकी,मोटे-पतले सभी लोग अपनी कलाओं को प्रदर्शित करते हुए, देखने को मिल जाएंगे। साथ ही यहां हिंदी,इंग्लिश,उर्दु के शिक्षक भी मौजूद है।
इस एप पर आप सभी तरह के मनोरंजन कार्यक्रम भी देख सकते है। अच्छे से अच्छा और गंदे से गंदा।
यहां आपको सभी तरह के डॉक्टर भी मिल जाएंगे। होम्योपेथी,एलोपेथी,आयुर्वेदिक, साथ ही जिम-ट्रेनर,योग-ट्रेनर,जादू-टोना, एक्युप्रेशर, खाना-खजाना, न्युुट्रिशन, स्किन,बालों के टी्रटमेंट,वास्तु-शा ,
कहने का तात्पर्य यह है कि इस एप में सारी दुनिया समाई हुई है। आज टिक-टाक एप हमारे भारत तक ही सीमित नही है बल्कि इसे सारी दुनिया चला रही है। चीन,जापान,अमेरिका…… और भी अन्य कई देशों के लोग भी इस एप पर अपनी कलाएं दिखा रहे है। टिक-टाक चलाते हुए आप कभी बोर नही हो सकते है।
मनोरंजन तक तो ठीक है। किंतु जिस तरह से यहां पर स्वास्थ्य से सम्बंधित दवाएं और नुस्खे बताए जा रहे है,सही है क्या? सभी लोगो पर एक समान नुस्खे सही हो सकते है क्या? ये सोचने वाली बात है।
कुछ दिनो पहले मेरी एक दोस्त का फोन आया,वह रोने लगी मैने पूछा क्यों रो रही हो, तो बोलने लगी यार मेरी शादी है,अगले महीने,तो मैने कहा तो अभी बिदाई नही हो रही है इतना क्यों रो रही(मज़ाक में) है। तो बताने लगी मेरे बाल बहुत गिर रहे है,और बेजान हो गए। साथ ही मेरी स्किन पर भी लाल-लाल चकते हो गए है। मेने कहा पहले तो तुम्हारे बाल और स्किन बहुत अच्छी थी। ऐसा क्या हुआ? फिर उसने बताया। टिक-टाक पर से मैने अपने बालों और त्वचा के लिए कुछ रेमेैडी लगातार की थी उसी की वजह से हुआ। मैने उसे समझाया कि चिंता मत करो मेरे पास आओं हम डॉ के पास चलते है। हालांकि वह शादी तक कुछ तो ठीक हुई। ङ्क्षकतु उसे पूरी तरह ठीक होने में काफी समय लगा।
आजकल सोशल मीडिया पर हर दूसरे विडीयो में त्वचा,बालों या किसी भी तरह की बिमारी का इलाज आसानी से मिल जाता है। कभी बालों को लम्बा करने के लिए लहसुन अदरक ….का पेस्ट लगाओ। कभी रंग गोरा करने के लिए सोडा निम्बु ..या फलां तरह की रेमैडी लगाओ।
आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार सभी मानव की शारीरिक प्रकृति अलग-अलग होती है। हद तो तब हो जाती है जब कैंसर,टीबी जैसी खतरनाक बीमारियो के इलाज भी इस एप पर किए जाने लगते है। और तो और लोग इसे फॉलो भी करने लगतेे है। साथ ही गर्भधारण करना हो या गर्भपात कराना हो। सभी तरह के इलाज इस पर धड़ल्ले से चल रहे है।
टिक-टाक से पहले तक तो सिर्फ डॉ. ही विशेषज्ञ हुआ करते थे,किंतु अब तो हर कोई विशेषज्ञ(बिना मेडिकल डिग्री) बनकर अपना ज्ञान दूसरो को बांट रहा है। फिर चाहे वह किसके लिए सही हो या गलत उससे उनको कोई मतलब नही। उन्हे तो सिर्फ फेमस होने और फॉलोवर्स बढ़ाने मात्र से मतलब है।
डॉक्टर बनने के लिए लोगों को दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पढ़ाई करते-करते लगभग ६ से १० साल लग जाते है,फिर लंबे समय तक पे्रक्टिस कर डॉक्टर बनते है। किंतु आजकल सोशल मीडिया पर हर दूसरा व्यक्ति डॉक्टर बन रहा है।
१५ सेकंड के टिक-टाक वीडियों ने पूरी दुनिया में धमाल मचा रखा है। १५ सेकंड का वीडियो कितना कुछ सिखा रहा है। कह सकते है छोटे पैकेट में बड़ा धमाल। यह सीखने सिखाने का बहुत अच्छा प्लेटफार्म है।
कहते है हर तस्वीर के दो पहलू होते है एक खूबसुरत और दूसरा बेरंग। इसी तरह सोशल मीडिया के भी दो पहलू है। पहला- मनोरंजन,समाज की जानकारी,खबरे,लोगो के अच्छे विचार,नए दोस्त,स्वयं को साबित करने का अच्छा अवसर इस ऐप से मिलता है। दूसरा-इन ऐप से गलत जानकारी मिलना अफवाह,अश्लीलता। कई बार फेमस होने का जूनुन इतना सवार हो जाता है। कि लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाता है।
आज की युवा पीढी को सोच-समझ कर इन ऐप का उपयोग करना चाहिए है। आज हमे उस हंस की तरह बनना होगा जो कंकड़ में से मोती चुनता है। हमे भी इन ऐप्स से अच्छी जानकारी अच्छा मनोरंजन लेना चाहिए। जिससे हमें और हमारे स्वास्थ्य को लाभ मिले।