टिकट बेचने का विडीयो वायरल होने के बाद भाजपा का डैमेज कंट्रोल शुरु,विधायक मथुरालाल की नाराजगी अब भी बरकरार
रतलाम,3 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर का टिकट बेचे जाने सम्बन्धी विडीयो वायरल होने के बाद अब भाजपा संगठन ने डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरु कर दिए है। उधर नाराज विधायक मथुरालाल डामर ने कहा है कि पार्टी ने यदि किसी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता,तो भी अलग बात थी,लेकिन एक शासकीय कर्मचारी को टिकट दिया जाना संदेह पैदा करता है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों की सूचि जारी होने के बाद रतलाम ग्रामीण से प्रत्याशी बनाए दिलीप मकवाना,विधायक मथुरालाल डामर से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने उनके घर गए थे। पार्टी के निर्णय से नाराज ग्रामीण विधायक मथुरालाल ने भाजपा प्रत्याशी दिलीप मकवाना को घर के भीतर भी नहीं आने दिया। नाराज मथुरालाल ने मकवाना पर आरोप लगाृया कि पार्टी ने डेढ करोड रुपए में टिकट बेचा है। श्री डामर का उक्त विडीयो सोशल मीडीया पर वायरल हो गया। विधायक की नाराजगी सामने आते ही भाजपा का स्थानीय संगठन डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुट गया। भाजपा जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान ने रतलाम ग्रामीण के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात कर उन्हे समझाने बुझाने की कोशिश की।
हांलाकि ग्रामीण विधायक मथुरालाल की नाराजगी अब भी बरकरार है। इस संवाददाता से चर्चा करते हुए श्री डामर ने कहा कि पार्टी ने यदि किसी पार्टी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता,तब भी वे इतना आक्रोशित नहीं होते। लेकिन पार्टी ने एक शासकीय कर्मचारी को टिकट दे दिया। दिलीप मकवाना ने एक दिन पहले नौकरी से त्यागपत्र दिया और अगले दिन पार्टी ने उन्हे टिकट दे दिया। इससे चयन प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। श्री डामर ने कहा कि टिकट बेचे जाने की बात उन्होने नहीं कही,बल्कि स्वयं दिलीप मकवाना ने लोगों से कहा कि उसने डेढ करोड रु.खर्च कर टिकट प्राप्त किया है। मथुरालाल डामर ने यह भी कहा कि वे संगठन के निर्देश पर काम करेंगे। हांलाकि अब तक किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे कोई चर्चा नहीं की है।