November 24, 2024

जिला पंचायत समिति निर्वाचन में लोकतंत्र ताक पर,निर्वाचन अधिकारी ने उलझाया भाजपा-कांग्रेस को

शहर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मारपीट, जिला पंचायत अध्यक्ष अभद्रता के बाद बेहोश हुए, विधायक धमकी देते रहे, पुलिस ने लाठियां भांजी

उज्जैन,9 अप्रैल(इ खबरटुडे)। जिला पंचायत में बुधवार को 5 समितियों के निर्वाचन में लोकतंत्र को ताक में रख दिया गया। नियम-कानून ताक पर हुए और इसके बाद अराजक स्थिति में निर्वाचन की प्रक्रिया की गई। निर्वाचन अधिकारी खुद प्रॉक्सी वोट डालने लगे। इन सब के चलते भाजपा और कांग्रेस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में जमकर गाली-गलौज की गई। विधायक धमकी देते दिखे, खुद निर्वाचन अधिकारी भी धमकी भरे शब्दों का उपयोग करते सुने गए। जिला पंचायत अध्यक्ष अभद्रता से बेहोश हो गए। उनके प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता रहा। पुलिस और प्रशासन ने उन्हें बाहर खदेड़ दिया। विधायक अंदर बैठे रहे। यहां तक कि उपचाररत जिला पंचायत अध्यक्ष को स्ट्रेचर पर वोट डालने के लिए लाना पड़ा।
बुधवार को जिला पंचायत में 5 समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्वाह्न में शुरु हुई। निर्वाचन अधिकारी संयुक्त कलेक्टर कैलाश बुन्देला बनाए गए थे। उन्होंने प्रक्रिया की शुरुआत में ही उलझन की स्थिति खड़ी कर दी। पहली समिति के निर्वाचन में निर्वाचन के दौरान भाजपा विधायक बहादुरसिंह चौहान, दिलीपसिंह शेखावत सदन में उपस्थित थे। इस दौरान निर्वाचन में प्रॉक्सी वोट का उपयोग सदस्यों के परिजनों को करने देने की बजाय निर्वाचन अधिकारी ने ही खुद किया है। इस स्थिति को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार, उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने आपत्ति दर्ज करवाई। निर्वाचन अधिकारी के क्रियाकलापों को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने इसकी सूचना कांग्रेस नेताओं को दी। इस पर जिला पंचायत पहुंचे कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती, शहर अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा, रामलाल मालवीय सहित पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार ने पीठासीन अधिकारी कैलाश बुन्देला के रवैये पर नाराजगी जताते हुए आपत्ति दर्ज करवाई।

इन समितियों के हुए चुनाव

कृषि, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य, संचार एवं संकर्म, सहकारिता एवं उद्योग, वन समिति।

भाजपा के हाथ एक समिति

तमाम जोर आजमाईश के बावजूद जिला पंचायत उज्जैन में भाजपा को मुंह की खाना पड़ी है। बुधवार को हुए समितियों के चुनाव में शुरुआती दौर में कृषि समिति के चुनाव किए गए थे। इसी चुनाव को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। पीठासीन अधिकारी के रवैये को शंका के दायरे के बाहर नहीं रखा था। इसी समिति का चुनाव भाजपा ने जीता है। इसके अतिरिक्त अन्य चार समितियों जिनमें महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य, संचार एवं सकर्म, सहकारिता एवं उद्योग एवं वन समिति पर कांग्रेस ने विजयी हासिल की है। इसे लेकर कांग्रेस नेता अजीतसिंह का आरोप है कि प्रारंभिक निर्वाचन में पीठासीन अधिकारी के घालमेल से इस समिति का चुनाव भाजपा ने जीता। परिणाम से साफ प्रमाणित है कि पीठासीन अधिकारी ने लोक सेवक का उत्तरदायित्व न निभाते हुए भाजपा एजेन्ट के रुप में काम किया है।

कांग्रेस की आज आपात बैठक

जिला पंचायत में बुधवार को समिति निर्वाचन के दौरान जो कुछ हुआ, उसे लेकर कांग्रेस ने अपनी लड़ाई छेड़ दी है। गुरुवार को जिला पंचायत के घटनाक्रम पर कांग्रेस मंथन करेगी। इसके बाद 10 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की अगुवाई में उज्जैन बंद करने का निर्णय लिया जाएगा। बंद की रणनीति को लेकर आज सुबह 11 बजे शहर कंाग्रेस कार्यालय पर एक आपात बैठक बुलाई गई है।

ऐसे शुरुआत हुई विवाद की

जिला पंचायत सभाकक्ष में निर्वाचन की प्रक्रिया की जा रही थी। पीठासीन अधिकारी संयुक्त कलेक्टर कैलाश बुन्देला थे। निर्वाचन की प्रक्रिया में प्रॉक्सी वोट डालने को लेकर कांग्रेस पक्ष की ओर से कहा गया कि सदस्य के परिजन इसका उपयोग करेंगे। इस पर पीठासीन अधिकारी ने मना करते हुए प्रॉक्सी वोट खुद के डालने की बात कही। यही से हंगामे की शुरुआत हो गई। पीठासीन अधिकारी के रवैये पर आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे कांग्रेस शहर अध्यक्ष और विधायक दिलीपसिंह शेखावत के बीच बात ने तूल पकड़ लिया। अपशब्दों के प्रयोग के दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष मीणा ने विधायक शेखावत का गिरेबान पकड़ लिया। इसके कुछ देर बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री मीणा के साथ विधायक समर्थकों ने पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में ही मारपीट कर दी। श्री मीणा को ज्ञापन देने के नाम पर बुलाया गया और यहां पर नियोजित तरीके से उऊपर पर हमला किया गया। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजना शुरु कर दिया। जो जहां दिखा, खदेड़ा गया।

जिला पंचायत अध्यक्ष बेहोश

पीठासीन अधिकारी के रवैये पर आपत्ति दर्ज करवाने और भाजपा विधायकों की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष अभद्रता के चलते एक समय बेहोश होकर गिर पड़े। प्रोटोकॉल के विपरित जिला पंचायत अध्यक्ष को ही भवन से बाहर पुलिस खदेड़ रही थी। अपमान और धक्का-मुक्की की स्थिति के साथ ही अभद्रता के चलते वे बेहोश हुए। तत्काल उन्हें वहां से उठाकर जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां उनका उपचार किया गया। इसके बावजूद निर्वाचन की प्रक्रिया को रोकने की अपेक्षा पीठासीन अधिकारी उसे आगे बढ़ाते रहे। एक स्थिति ऐसी बनी कि जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार को वोट डालने के लिए गहन चिकित्सा इकाई से स्ट्रेचर पर जिला पंचायत लाया गया।

जिपं अध्यक्ष और विधायक में बहस

निर्वाचन के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार और खाचरौद विधायक दिलीपसिंह शेखावत के बीच प्रॉक्सी वोट के मुद्दे पर गरमागरम बहस हो गई। यहां तक कि  विधायक श्री शेखावत ने उपाध्यक्ष भरत पोरवाल को डपटते हुए नीचे बैठा दिया। यहां कांग्रेस नेताओं और तराना जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि अजीतसिंह ठाकुर की पीठासीन अधिकारी डॉ. कैलाश बुंदेला से बहस हो गई।  सूचना मिलते ही पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी, राजेन्द्र भारती, रामलाल मालवीय, सहित पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार जिला पंचायत पहुंचे और यहां उन्होंने पीठासीन अधिकारी के रवैये पर आपत्ती दर्ज कराई।

निर्वाचन का कोई एजेण्डा नहीं

बुधवार को जिला पंचायत की समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया पंच के चुनाव से भी बदतर स्थिति में सम्पन्न की गई। सदस्यों को दी गई सूचना में किसी एजेण्डे का उल्लेख नहीं किया गया था। पीठासीन अधिकारी ने जो सूचना दी थी, उसमें सिर्फ निर्वाचन होना है और सिर्फ आने का समय बताया गया था। निर्वाचन के तहत कब क्या होगा, इसका कोई उल्लेख नहीं। नामांकन दाखिल करने, नाम वापसी सहित प्रक्रिया के लिए न तो समय तय किया गया और न ही उचित एजेण्डा ही जारी किया गया। इसी स्थिति पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। आखिर पीठासीन अधिकारी ने ऐसा क्यों किया।

योजनाबध्द तरीके से मीणा पर हमला

कांग्रेसी इस बात पर अड़े हुए थे कि निर्वाचन की प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी को बदलकर पूरी करवाई जाये। इसको लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा, राोन्द्र भारती, रामलाल मालवीय सहित अन्य कांग्रेस नेता अपनी आपत्ति लिखित में दर्ज कराने जब पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर कैलाश बुंदेला के पास जाने लगे तभी सीईओ के  कक्ष के बाहर एक युवक भीड़ में घुसा और उसने श्री मीणा को लगातार तीन चार थप्पड़ मार दिये। थप्पड़ मारने वाला युवक इसके बाद जहां विधायक बैठे हुए थे, उसके पास के कक्ष के पास जाकर इधर-उधर हो गया।

पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां

शहर कांग्रेस अध्यक्ष को थप्पड़ मारने की धटना के बाद कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच भारी पुलिस फोर्स ने जिला पंचायत में घुसकर कांग्रेसियों पर जमकर लाठियां भांजी और उन्हें कोठी रोड तक दौड़ा दौड़ाकर पीटा। यहां पुलिस ने जमकर खदेड़ा।
जिला पंचायत निर्वाचन में संख्या बल में कम भाजपाई बुधवार को अपनी हार को देखते हुए एकदम से बोखला गये और उन्होंने जिला पंचायत में घुसने के लिये चेनल गेट को तोड़ने का प्रयास किया। यहां पुलिस ने उनकों डंडे के बल पर खदेड़ा। बाद में विधायक अनिल फिरोजिया और दिलीप शेखावत ने मोर्चा संभाला।

वोट डालने, स्ट्रेचर पर लाये परमार को

भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हंगामें के बीच पीठासीन अधिकारी ने निर्वाचन की प्रक्रिया प्रंारंभ रखी। शिक्षा समिति के चुनाव के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार को जिला चिकित्सालय से एंबुलेंस से जिला पंचायत लाया गया। जहां कांग्रेस नेताओं ने परमार को स्ट्रक्चर पर लेटाकर मतदान प्रक्रिया में शामिल करवाया।

11 बजे से रात 9 बजे तक चलती रही चुनाव प्रक्रिया

जिला पंचायत की संचार, शिक्षा, कृषि, वन, सहकारिता, स्वास्थ्य और महिला बाल विकास समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया सुबह 11 बजे से प्रारंभ होकर रात 9 बजे तक चलती रही। इस दौरान उपचाररत जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार पूरे समय स्ट्रक्चर पर ही लेटे रहे। पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर कैलाश बुंदेला के अनुसार निर्वाचन की प्रक्रिया में लंबा समय चलने के पीछे आज हुआ हंगामा है।

दलित जिला पंचायत अध्यक्ष की हत्या का प्रयास-गुड्डू

जिला पंचायत में विभिन्न समितियों के चुनाव में भाजपा के नेताओं ने जिस प्रकार गुंडागिर्दी और आतंक मचाया उससे भाजपा की कार्यप्रणाली उजागर हो गई है। इतना ही नहीं दलित जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार की हत्या का प्रयास किया गया जिसकी निंदा की जाती है। उक्त बात पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कही। श्री गुड्डू ने बताया कि जिला पंचायत में बुधवार को भारी आतंक के बीच भाजपा के नेताओं ने जिला पंचायत के समितियों के उपचुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की उन्होंने बताया कि जिस प्रकार कंाग्रेस ने जिला पंचायत में हाल ही में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमा कर भाजपा को शिकस्त दी थी उससे भाजपा नेता बोखला गये है। भाजपा के नेताओं ने ना सिर्फ दलित जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार पर  हमला किया बल्कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा के साथ भी बेवजह विवाद किया और उनके साथ भी हमले की कोशिश की। इस प्रकार भाजपा के नेताओं की कथनी और करनी स्पष्ट नजर आ गई है। श्री गुड्डू ने बताया कि दलितों पर अत्याचार भाजपा की पुरानी रणनीति है। उन्होनें यह भी चेतावनी दी है कि भाजपा की गुंडागिर्दी के खिलाफ कांग्रेस चरणबध्द आंदोलन भी करेगी।

अध्यक्ष के प्रोटोकॉल का उल्लंघन

जिला पंचायत के बुधवार को समिति निर्वाचन में अध्यक्ष के प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता रहा। पुलिस तमाशबीन बनी रही। जिला पंचायत अध्यक्ष को रायमंत्री का दर्जा प्राप्त है। इसके बावजूद निर्वाचन में आपत्ति और विवाद की स्थिति में उन्हें ही पुलिस ने जिला पंचायत में घुसने से रोक दिया और बाहर खदेड़ दिया गया।

शस्त्र पहुंचे निर्वाचन में

जिला पंचायत के निर्वाचन में बुधवार को निर्वाचन कक्ष में विधायक के अंगरक्षक के साथ ही अन्य शस्त्रधारी निर्वाचन कक्ष में पहुंच गए थे। बताया तो यहां तक जा रहा है कि एक अधिकारी भी यहां अपने शस्त्र के साथ उपस्थित थे। इससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर निर्वाचन दबंग प्रणाली से किए गए या लोकतांत्रिक प्रणाली से। विवाद की स्थितियों के दौरान आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने गोली मारने जैसे शब्दों का उपयोग किया।

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