May 17, 2024

जिला चिकित्सालय के इतिहास में पहली बार हुई पूर्ण कुल्हे के जोड प्रत्यारोपण की सर्जरी

डेढ लाख खर्च में होने वाला ऑपरेशन यहां हुआ नि:शुल्क,सर्जरी के बाद

मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ

रतलाम 08 जून(इ खबरटुडे)। रतलाम में शहर में अभी तक कूल्हे एवं घुटने के पूर्ण जोड प्रत्यारोपण के ऑपरेशन निजी हास्पिटलों या बाहर बडे शहरों में लोगों को कराने पड रहे थे। लेकिन अब यह इस तरह की बडी सर्जरी रतलाम के शासकीय जिला चिकित्सालय में ही संभव हो गई है। हॉल ही में जिला चिकित्सालय के हड्डी एवं जोड प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. दिनेश भूरिया ने ट्रामा सेंटर में एक 60 वर्षीय वृद्ध के कुल्हे के जोड का पूर्ण प्रत्यारोण(टीएचआर) का सफल ऑपरेशन कर जिला चिकित्सालय के इतिहास में पहली बार इस तरह की जटली सर्जरी का नाम दर्ज करवाया है।

चलने फिरने में हो रही थी परेशानी

सोमवार को जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में कुल्हें के जोड का प्रत्यारोपण करवाने वाले जिले की नामली तहसील के 60 वर्षीय शिवाजी पिता शंकरलाल ने बताया कि, वह काफी समय पहले गिर गया था, जिसके कारण उसके कुल्हे में चोट आई थी। उसके बाद से चलने फिरने में काफी पेरशानी उठाना पड रही थी। इस बीमारी को लेकर उसने रतलाम के निजी हॉस्टिपलों के अलावा इंदौर एवं गुजरात के वडोदरा शहर में भी दिखाया। सभी डॉक्टरों का कहना था कि, यह बीमारी कुल्हें के जोड प्रत्यारोण ऑपरेशन से ठीक होगी। जिस पर एक से डेढ लाख रूपये तक का खर्चा आयेगा। लेकिन मेरे परिवार का आर्थिक स्थिती कमजोर होने के कारण में यह ऑपरेशन नहीं करवा पा रहा था। आठ-दस दिन पूर्व पडोस में रहने वाली महिला रतलाम में जिला चिकित्सालय में पैर का ऑपरेशन करवा के आई और चल फिर रही थी। उसने डॉ. दिनेश भूरिया का नाम बताया। जिसके बाद मुझे मेरा पुत्र मेवालाल रतलाम जिला चिकित्सालय में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश भूरिया के पास ले गया। डॉ. भूरिया ने मेरी सभी पुरानी रिपोर्ट देखी और कुल्हें के जोड के प्रत्यारोण ऑपरेशन की सलाह दी और कहा की यहां यह ऑपरेशन नि:शुल्क हो जायेगा। परिवार की सहमती में बाद में मुझे डॉक्टर ने ट्रामा सेंटर में भर्ती किया और सभी जांच की रिपोर्ट के बाद अपने वरिष्ठ चिकित्सकों के मार्गदर्शन में मेरा ऑपरेशन किया। अब में अपने आपको पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।

पहली बार होने से था चिंतित

डॉ. दिनेश भूरिया ने बताया कि, जिला चिकित्सालय में पहली बार पूर्ण कुल्हे के जोड का प्रत्यारोण ऑपरेशन होने के कारण मैं काफी चिंतित था। लेकिन मेरी युनिट के प्रमुख डॉ. केएस राठौर एवं डॉ. एसके वरूण ने मुझे पूरी तरह से आश्वस्त किया की बढिया सर्जरी होगी। इसके बाद मैंने अपने वरिष्ठ के साथ मिलकर यहां पहली बार होने वाली इस तरह की सर्जरी को अंजाम दिया। इस सर्जरी में हमें लगभग दो घंटे का समय लगा। आमतौर पर जोड प्रत्यारोण के ऑपरेशन में जोड इंपलांट डाले जाते है वह विदेशी होते है लेकिन मैंने शिवाजी के कुल्हे के जोड प्रत्यारोपण में इंडियन इंपलांट डाला है जिसकी फिटिंग में काफी अच्छी रही है और जिसकी उम्र भी 15 से 20 साल की है। इंडियन इंपलांट विदेशी इंपलांटों से काफी कम मूल्य में उपलब्ध हो जाते है।

इनकी भूमिका रही सहरानीय

पूर्ण कुल्हे के जोड प्रत्यारोपण ऑपरेशन को सफल कराने में जिला चिकित्सालय के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. महेश मौर्य के साथ ट्रामा ओटी इंजार्च सिस्टर डॉली सिंह, सिस्टर ज्योति एवं साधना ने अपने कार्य को बखूबी अंजाम दिया। जिला चिकित्सालय में पहली बार टीएचआर सर्जरी होने पर पूरी टीम को सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर ने बधाई देते हुए कहा कि, ट्रामा सेंटर वैसे तो पूरी तरह से आधुनिक उपकरणों से परिपूर्ण है लेकिन जो भी छोटी मोटी यहां परेशानियां है उन्हें दूर का प्रत्यारोण के ऑपरेशन में लगने वाले इंमपांटों को की कमी भी ना रहे इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर जो कार्रवाई करनी होगी वह की जाएगी। ताकि आमजन को उपचार के लिए इधर-उधर ना भटकना पडें और उनकी मोटी राशि भी खर्च ना हो।

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