October 5, 2024

जान बचाकर हांगकांग से अमेरिका पहुंची वायरोलॉजिस्ट बोली- चीन ने छिपाई कोरोना वायरस (Coronavirus) की जानकारी

बीजिंग, 11 जुलाई (इ खबर टुडे)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर दुनिया में बरकरार है. लेकिन दिसंबर से लेकर अब तक इस वायरस को लेकर इतने तरह के खुलासे हुए हैं कि अब भी असमंजस की स्थिति बरकरार है. अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने चीन (China) पर बार-बार ये आरोप लगाए हैं कि उसने सही समय पर इस वायरस के फैलने की जानकारी विश्व समुदाय को नहीं दी. अपने ऊपर उठ रहे सवालों को चीन ने हमेशा झुठलाया है. चीन का दावा है कि जैसे ही उसे इस वायरस की गंभीरता का पता चला, उसने फौरन विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organistaion) समेत दुनिया के कई देशों को इसकी जानकारी दी. लेकिन अब हांगकांग की एक वायरलोलॉजिस्ट (Virologist) ने चीन के इस दावे को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है.

हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वैज्ञानिक ने खुलासा किया है कि कोरोनावायरस को लेकर चीन उससे काफी पहले से जानता था, जब इसने दुनिया को बताई. उन्होंने यह भी कहा है कि यह सरकार के सर्वोच्च स्तर पर किया गया. हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में कई बड़ी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में उनकी रिसर्च को उनके सुपरवाइजर्स ने भी इग्नोर किया, जोकि इस फील्ड के दुनिया के टॉप एक्सपर्ट हैं. वह मानती हैं कि इससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी.

डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को करवाया चुप

यान कहती हैं कि कोविड-19 पर स्टडी करने वाली वह दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं. उन्होंने कहा, ‘चीन सरकार ने विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार कर दिया.’ यान ने कहा कि बहुत जल्द पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की लेकिन जल्द ही उन्होंने टोन में बदलाव को नोटिस किया. डॉक्टर और शोधकर्ता जो खुले रूप से वायरस पर चर्चा कर रहे थे उन्हें चुप करवा दिया गया. वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने चुप्पी साध ली है और दूसरों को चेतावनी दी गई कि उनसे ब्योरा ना मांगें. यान के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन मास्क पहनने की जरूरत है. उनके सूत्रों के मुताबिक फिर मानव से मानव संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा. इसके बाद यान ने वहां से निकलने का फैसला किया.

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