जल से जुड़े देशज ज्ञान को संभालने की जरूरत
जल संरचनाओं को सहजने में आम जन जुड़े-मुख्यमंत्री श्री चौहान
झील महोत्सव के तहत अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन
भोपाल 14 फरवरी (इ खबरटुडे) । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि नयी जल संरचनाएं बनाने के साथ पुरानी जल संरचनाओं को सहेजना जरूरी है। जल से जुड़े देशज ज्ञान को संभालने और इसे बढ़ाने की जरूरत है। जल संरचनाओं से जुड़े इस अभियान में आम जन को जागरूक कर जोड़ना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां झील महोत्सव के तहत आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अपने तालाब, बावड़ी और कुओं को बचाने के लिये समाज सरकार के साथ खड़ा हो। पुरानी जल संरचनाओं को बचाने के साथ नयी संरचनओं का सृजन भी जरूरी है। तालाबों और अन्य जल संरचनाओं से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये हैं। बुंदेलखण्ड में तालाबों को नदी से जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है। जागरूकता के अभाव की वजह से तालाबों के प्रति अपनत्व के भाव में कमी आयी है। भारतीय संस्कृति और परंपरा में जल को देवता माना गया है। जल पवित्रता का पर्याय है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। नदियों के किनारे सभ्यतायें विकसित हुईं। जनसंख्या में वृद्धि और शहरीकरण से हमारी जल संरचनाएं प्रभावित हुयी है। जल संरचनाओं के महत्व के प्रति समाज और आम जनों को जागरूक करना होगा।
श्री चौहान ने कहा कि जल स्तर का नीचे जाना, पानी की कमी आसन्न संकट की तरह है। इसे पहचानने की जरूरत है। अब पानी के लिये तीसरे विश्व युद्ध की बातें कही जाने लगी हैं। उन्होंने कहा कि आओ बनाये मध्यप्रदेश अभियान में जन संरक्षण से आम जन को जोड़ने की विशेष पहल की जा रही है।
नगरीय प्रशासन आवास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जल संरचनाएं हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी हैं। जल संरचनाएं अपनी पहचान खो रही हैं यह समाज के लिये एक चुनौती है। इनके संरक्षण का दायित्व हम सबका है। जल, जंगल और जमीन जीवन के आधार हैं। मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने कहा कि तालाबों और झील से पर्यावरण संतुलित रहता है। ये जैव विविधता और जीव जगत के केंद्र हैं। प्रदेश में एप्को द्वारा 150 तालाबों को बचाने का कार्य किया जा रहा है। आरंभ में स्वागत भाषण अपर मुख्य सचिव श्री मदन मोहन उपाध्याय ने दिया। आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में जापान के पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. नाकामोरा, डॉ. अशोक खोसला सहित भारत तथा विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र में आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन.मिश्रा ने किया।