November 15, 2024

जयन्तसेन धाम में पारणे के साथ पूर्ण हुई ओली आराधना

रतलाम 17 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में 8 अक्टूबर से चल रही नौ दिवसीय शाश्वती सिद्धचक्र नवपद ओलीजी की आराधना सोमवार को पारणे के साथ सम्पन्न हो गई । आयंबिल के आराधकों ने सामूहिक पारणा किया। लोकसन्तश्री ने उन्हें नवपद का विस्मरण ना करने और आयंबिल के दौरान अनुभव की गई रस त्याग की भूमिका को पारणा पश्चात नहीं भूलने की सीख दी।

मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि आराधना के दिन पूर्ण हो जाते हैं लेकिन आराधना का आनन्द हृदय को आनंदित कर देता है । इन दिनों में प्रकट होने वाले शुभ भावों को हमेशा अन्तरमन में रखना चाहिए । किसी तीर्थ भूमि की स्पर्शना मार्त से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, वह आनन्द वहां से जाने के बाद भी रह जाता है । आराधना भी ऐसी ही होती है। इसके दौरान प्रकट हुए शुभ भावों को आराधक आराधना सम्पन्न होने के बाद भी मन में बनाए रख सकता है । नवपद ओलीजी की आराधना के दौरान आयंबिल में रस त्याग की जिस भूमिका को आराधकों ने अनुभव किया है, वह पारणा के बाद जाना नहीं चाहिए । आहार का विचारों पर बहुत बड़ा असर होता है । इसलिए तप के दौरान किया गया नियंर्तण निरंतर चलता रहना चाहिए ।

इस मौके पर वरिष्ठ मुनिराजश्री नित्यानन्द विजयजी म.सा. की उपस्थिति में चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप परिवार ने सामूहिक पारणा का आयोजन किया। लोकसन्तश्री के दर्शनार्थ आने वाले गुरुभक्तों का जयन्तसेन धाम में तांता लगा रहा। 18 अक्टूबर से लोकसन्तश्री की निश्रा में प्रात: 9.00 बजे से नियमित प्रवचन का आयोजन होगा ।

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