जब मातृभूमि भूमि मात्र रह जाती है तो देश का विभाजन हो जाता है- बौद्धिक प्रमुख तेजराम मगरोदा
रतलाम,18 अगस्त(इ खबरटुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महाविद्यालयिन इकाई अम्बेडकर भाग द्वारा आज गुजरात मांगलिक भवन में अखंड भारत संकल्प दिवस मनाया गया। जिसमें कॉलेज विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवानिवृत सैन्य अधिकारी शंकरलाल सारस्वत ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर महाविद्यालय प्रमुख रवि सैन एवं कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता उज्जैन विभाग के बौद्धिक प्रमुख तेजराम मगरोदा
मंचासीन रहे।रतलाम जिला प्रचार प्रमुख विवेक जायसवाल की द्वारा दी गई जानकरी के अनुसार तेजराम मगरोदा ने अपने उध्बोधन में कहा कि विश्व मे मात्र भारत ही ऐसा देश है,जिसके नागरिक अपने देश को माँ के रूप में मानते हैं और भारत माता का संबोधन देते है,जिस प्रकार अपनी माता खुद अभाव में रह कर,परेशानियां झेल कर भी हमें सुख में रखने का प्रयास करती है उसी प्रकार भारत माता भी हमारे द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण और हर कृत्य के बदले में अपनी गोद मे ही जगह देती है।
आज़ादी के लगभग 2500 वर्ष पहले से भारत पर आक्रमण हो रहे है। हूण, कुषाण,यवन, तुर्क,अफगान,मंगोल,मुगल,डच,पुर्तगाल,अंग्रेज आदि ने आक्रमण किये।इन आक्रमणकारियों के ही इतिहास को पडने पर हम पाते हैं कि सभी ने यही लिखा कि हमने भारत पर हमला किया, इनमें से किसी ने नहीं कहा कि हमनें नेपाल,तिब्बत, भूटान, बर्मा, श्रीलंका पर आक्रमण किया।क्योंकि ये सब देश उस समय भारत का ही अभिन्न अंग थे। यही कारण हैं कि वर्तमान में इंडोनेशिया जो कि एक मुस्लिम बहुल देश है,ने राम राज्य की प्रतिमा एयरपोर्ट पर लगा रखी है।एयर लाइन का नाम भी गरुड़ है तथा मुद्रा पर भगवान श्री गणेश का चित्र अंकित है।
क्योकि वह भी मानते है कि हम आज मुस्लिम है तो क्या हुआ लेकिन हमारे पूर्वज तो हिन्दू ही थे और यही हमारी संस्कृति है हम इसे नही नकार सकते।
लेकिन भारत मे एक पीढ़ी ऐसी आई जिसने भारत को ‘मातृभूमि’ न मानकर भूमि मात्र माना और उसकी सत्ता लोलुपता के वजह से देश का बटवारा हुआ।
भारत ने1971 में पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान द्वारा किये जाने वाले अत्याचारों से मुक्त करवाने के लिए उन्हें स्वतंत्र देश ,बांग्लादेश दिया।ताकि उन्हें पाकिस्तानी अत्याचारों से निजात मिल सके।लेकिन बदले में बांग्लादेश ने 5 करोड़ घुसपैठियों से भारत को भर दिया,तथा देश मे अस्थिरता पैदा हो इस लिए बांग्लादेश से नकली नोट आ रहे है।
भारत के विभाजन का एक कारण यह भी रहा कि हम यह भी भूल गए कि यह देश हमारा हैै।हम इसे अपना मानने की जगह धर्मशाला मानने लगे।जहां लोग अपनी 1 इंच जमीन भी अपने पडोसी को नही देते,इसके लिए लड लेंगे, न्यायालय में वाद तक लगा देंगे,वही हमने देश की 10लाख वर्ग किलोमीटर की जमीन बंटवारे में कैसे दे दी। इतना विरोधाभास क्यों है।
वर्तमान में युवाओं को समरसता ओर एकात्मता का भाव समाज मे भरना होगा जिससे कि हमारा अखंड भारत का सपना पूरा हो सके। हमें देश के हर नागरिक को भाई मानना होगा हमे देश की हर समस्या को अपना मानना होगा नही तो हम कपूत कहलायेंगे। हमे हमारे देश की आज़ादी सरलता से नही मिली इसकी नीव असंख्य बलिदानियों के बलिदान से भरी गयी है। कार्यक्रम का समापन भारत माता की आरती के साथ किया गया।