चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
रतलाम,08अप्रैल(इ खबरटुडे)। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों में पूजा अर्चना और दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।मंदिरों में सुबह से ही बड़ी संख्या में देवी भक्तों की कतार लगना शुरू हो गई थी।
शहर के प्रसिद्ध कालिका मंदिर में भी पूजा अर्चना का दौर चल रहा है कालिका माता मंन्दिर मे सुबह से भक्तो कि भींड दिखाई दे रही है। शहर के सभी चैराहो पर हिन्दु समाजंजनो ने उत्साह से गुडी परवा पर्व का स्वागत किया।साथ ही अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।आते जाते सभी लोगो को तिलक लगाया और नीम व षक्कर का रसपान कराया गया
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। ‘गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है। कहते हैं शालिवाहन नामक एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं का पराभव किया। इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है।
मंदिर में दर्शन करने वाले को नीम और शक्कर प्रसाद के रूप में मिलता है।नीम कड़वा है, लेकिन आरोग्य-प्रद है। प्रारंभ में कष्ट देकर बाद में कल्याण करने वालों में से यह एक है।नीम का सेवन करने वाला सदा निरोगी रहता है।कितने ही विचार आचार में लाने में कष्टदायी होते हैं, इतना ही नहीं, वे कड़वे भी लगते हैं, लेकिन वे ही विचार जीवन को उदात्त बनाते हैं। ऐसे सुंदर, सात्विक विचारों का सेवन करने वाला मानसिक और बौद्धिक आरोग्य पाता है। उसका जीवन निरोगी बनता है। प्रगति के रास्ते पर जाने वाले को जीवन में कितने ‘कड़वे घूंट’ पीने पड़ते हैं, इसका भी इनमें दर्शन है।मंदिर में प्राप्त नीम और शक्कर के प्रसाद के पीछे अति मधुर भावना छिपी होती है। जीवन में कभी सुख या दुख अकेले नहीं आते। सुख के पीछे ही दुख होता है और दुख के पीछे सुख आता है।