December 27, 2024

चुनावी चकल्लस 6/ नारा जय परशुराम का ,चुनाव का संचालन जय जिनेन्द्र के भरोसे

chunavi chakallas

रतलाम,19 नवंबर (इ खबरटुडे)। चुनावी समर में अब केवल सात दिन बचे हैं। जिले में चुनावी सभाओं,जनसम्पर्क और ढोल ढमाकों के शोर से अब सियासी पारा चढता हुआ नजर आने लगा है। चुनावी योध्दाओं की रणनीति अब साफ होने लगी है। शहर में पंजा पार्टी की बहुरानी जय परशुराम का नारा लगाकर अपनी नैया पार कराने के चक्कर में है.तो फूल छाप के भैयाजी का मैनेजमेन्ट जोरों पर चल रहा है। पंजा पार्टी नारा तो जय परशुराम का लगा रही है,लेकिन चुनाव का संचालन जय जिनेन्द्र वाले वकील सा से करवा रही है। पंजा पार्टी में इस बात को लेकर नाराजगी भी दिखाई दे रही है। कुछेक पंजा छाप वाले तो यहां तक कह रहे है कि पंजा पार्टी के चुनाव संचालक तो किसी भी वक्त स्टेशन रोड पर जमा हो जाएंगे। पंजे के खेमे में बडा डर यही है कि कौन किस वक्त स्टेशन रोड पर पंहुच जाएगा पता ही नहीं चलता।

अपने अपने को दे

एक पुरानी कहावत है अन्धा बांटे रेवडी तो अपने अपने को दे। रतलाम ग्रामीण में फूल छाप के चुनाव अभियान पर पूरा कब्जा मामा भांजे की जोडी का है। रतलाम ग्रामीण के चुनाव संचालन के लिए एक संचालन समिति बनाई गई है। बारह सदस्यों की इस समिति में आठ से ज्यादा सदस्य मामा भांजे ने अपनी पसन्द के बनाए है। इनमें से कई सारे तो उनके रिश्तेदार ही है। अब फूल छाप वाले कह रहे है कि अन्धा बांटे रेवडी तो अपने अपने को दे। ये तो गनीमत है कि ग्रामीण में शाखा वालों ने अपनी समानान्तर व्यवस्था तैयार कर ली है। शाखा वालों की वजह से मास्टर जी की स्थिति सुधर सकती है। वरना तो नैया डूबने में ज्यादा देर नहीं लगती।

नवाबी शहर में भांजा भारी

नवाबी शहर के चुनाव का हाल बडा उलझा हुआ है। फूल छाप और पंजा पार्टी दोनो ही बागियों से जूझ रही है। लेकिन पंजा छाप की दिक्कतें कुछ ज्यादा है। पंजा छाप के ज्यादातर कार्यकर्ता तो डाक्टर साहब के साथ चले गए हैं। पंजा छाप वालों के डाक्टर साहब के साथ जाने के पीछे के कारण ढूंढने वालों का कहना है कि पंजा छाप वाले भांजे के व्यवहार से परेशान है।

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