चुनावी चकल्लस 3 – निगम वाली मैडम प्रचार से नदारद,भूरिया के साथ नहीं भूरिया
रतलाम,16 नवंबर(इ खबरटुडे)। शहर के प्रथम नागरिक के पद पर जिस पार्टी का कब्जा होता है,वह पार्टी हर कार्यक्रम में प्रथम नागरिक का उपयोग करती है। कोई मंचीय कार्यक्रम हो या चुनाव प्रचार का दौरा,प्रथम नागरिक को सबसे आगे रखा जाता है। लेकिन रतलाम शहर अनोखा है। यहां प्रथम नागरिक जो एक महिला है,फूल छाप पार्टी की है। चुनाव का मौसम चल रहा है। चुनाव प्रचार जोरों पर है। लेकिन फूल छाप की प्रथम नागरिक भैयाजी के चुनाव प्रचार से पूरी तरह नदारद है। कहने को तो फूल छाप वालों का कहना है कि उन्हे बुलाया तो जा रहा है,लेकिन वो आ नहीं रही है। लेकिन जानने वाले जानते है कि मैडम जी का जनता के बीच में आना फूल छाप पार्टी को भारी पड सकता है। शहर के तमाम बाशिन्दे शहर में हुए कामों से खुश है लेकिन साथ ही गन्दगी,मच्छर,डेंगू और पेयजल जैसी समस्याओं से परेशान भी है। ये सारे मसलें मैडम जी को हल करने थे,लेकिन चार साल निकल गए,उन्होने इस पर कतई ध्यान नहीं दिया। मैडम खुद डाक्टर है, आरओ का पानी पीती है। लेकिन शहर के लोग गन्दा पानी पीने को मजबूर है,डेंगू पैर पसार रहा है। शहर भर में जो भी नाराजगी है,वो नरक निगम को लेकर ही है। टीवी वाले खबरचियों ने भी जब भी जहां भी कार्यक्रम किए,गन्दगी और गटर जैसे ही मुद्दे सामने आए। फूल छाप वाले जानते है कि ऐसे नाजुक समय में मैडम जी के कारण । यही वजह है कि भैयाजी के साथ मैडम जी नहीं है। उनके नहीं होने से फूल छाप को कोई नुकसान भी नहीं है।
भूरिया के साथ नहीं भूरिया
रतलाम ग्रामीण में पंजा छाप के प्रत्याशी खुद भूरिया है। रतलाम के सांसद भी भूरिया है। ग्रामीण वाले भूरिया की टांग टूट गई है। टूटी टांग लेकर ये भूरिया जी जैसे तैसे प्रचार में जुटे है। उन्हे झाबुआ वाले बडे भूरिया जी से उम्मीद थी कि वो मदद करेंगे। उनकी मदद हासिल करने के लिए उन्हे चुनाव कार्यालय के उद्गाटन के लिए बुलाया गया। सांसद भूरिया जी आए तो सही लेकिन गाडी तक से नहीं उतरे। पंजा प्रत्याशी भूरिया बेचारे देखते ही रह गए। उन्हे नहीं पता कि बडे भूरिया जी इन दिनों अपने पुत्र को जिताने के चक्कर में परेशान है। उनके पुत्र को निर्दलीय जेवियर ने कडी चुनौती दे रखी है। पुत्र का भविष्य ही दांव पर लगा हुआ है,ऐसे में बेचारे भूरिया जी,थावर भूरिया की मदद कहां से कर पाएंगे।