चरमपंथी मुस्लिमों की बढ रही है सक्रियता
ए आई एम आइ एम के गठन की सुगबुगाहट
रतलाम,15 जनवरी (इ खबरटुडे)। सिमी आतंकियों की शरणस्थली रह चुके और हाल ही में सांप्रदायिक दंगा झेल चुके रतलाम में फिर से चरमपंथी मुस्लिम तत्वों की सक्रियता बढ रही है। घृणा फैलाने वाले भडकाऊ भाषणों से चर्चा में रहने वाले हैदराबाद के औबेसी भाईयों की पार्टी ए आई एम आई एम के गठन की सुगबुगाहटें भी शहर में शुरु हो चुकी है। गुपचुप तरीके से हो रही इन तैयारियों के चलते शहर फिर से खतरे की तरफ बढता जा रहा है।
उपर से शांत दिखाई देने वाले रतलाम शहर में भीतर ही भीतर मुस्लिम चरमपंथ के नए खतरे मण्डराने लगे है। हाल के वर्षों में दो बार दंगों की आग झेल चुके रतलाम में सिमी जैसे कुख्यात आतंकी संगठन के आतंकी पुलिस से मुठभेड भी कर चुके है। ऐसे में चरमपंथियों की बढती सक्रियता के चलते खतरे की घण्टियां बजने लगी है। लेकिन स्थानीय स्तर पर पुलिस इससे पूरी तरह अनजान ही नजर आ रही है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में इन दिनों जो कुछ हो रहा है,वो बेहद चौंकाने वाला है। कुछ ही दिनों पहले शहर में अल सूफ्फा नामक चरमपंथी संगठन अस्तित्व में आया था। आपसी अन्तर्विरोधों के बाद हांलाकि अल सूफ्फा की गतिविधियां तो बन्द हो गई ,लेकिन अल सूफ्फा का असर पिछले सितम्बर माह में देखने को मिला था,जब बजरंग दल संयोजक कपिल राठौड की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस हत्या के बाद पूरे शहर को कफ्र्यू भी झेलना पडा था। इसके बाद से अल सूफ्फा क गतिविधियां लगभग समाप्त सी हो गई थी। लेकिन चरमपंथी तत्व निष्क्रिय नहीं हुए। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक चरमपंथी तत्व अब नए नाम से सक्रिय होने की तैयारी में है।
शहर के मुस्लिम इलाकों में अब आल इण्डिया मजलिसे इत्तेहादुल मसलमीन (ए आई एम आई एम) के गठन की सुबगबुगाहटें शुरु हो गई है। उल्लेखनीय है कि ए आई एम आई एम वास्तव में हैदराबाद में संचालित पार्टी है। इसके कर्ता धर्ता हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औबेसी है। ये वही औबेसी है,जो अपने घृणा फैलाने वाले भडकाउ भाषणों से हमेशा चर्चाओं में बने रहते है। औबेसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन,उनसे भी एक कदम आगे है। वे विधायक है और पिछले दिनों भगवान राम को लेकर दिए गए एक विवादास्पद भाषण के बाद उनके विरुध्द आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया गया था। उक्त दोनो औबेसी बन्धु चरमपंथी मुस्लिम नेता है और बेहिचक देश विरोधी भाषण भी देते है। दोनो ही के विरुध्द कई आपराधिक प्रकरण दर्ज है। पहले कभी जो छबि देश में मुस्लिम लीग की थी,लगभग वैसी ही छबि एम आई एम की है।
मुस्लिम क्षेत्रों की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन के ४ नेता विगत दिनों रतलाम आए थे। इन नेताओं ने शहर में दो स्थानों पर मीटींग की और कई लोगों को एमआईएम का सदस्य भी बनाया। सूत्रों के मुताबिक एक बैठक शहर सराय के एक मदरसे में हुई थी,जिसमें करीब ढाई सौै लोग मौजूद थे। दूसरी बैठक महू रोड स्थित एक शो रुम पर संपन्न हुई थी।
चरमपंथी तत्वों की सक्रियता का एक उदाहरण यह भी है कि विगत दिनों मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान भी एमआईएम का एक बैनर लगाया गया था। मुस्लिम चरमपंथी तत्वों की सक्रियता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि विगत दिनों संपन्न नगर निगम चुनाव में एक निर्दलीय प्रत्याशी खास तौर पर पतंग के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लडा था। उल्लेखनीय है कि पतंग एमआईएम का ही चुनाव चिन्ह है।
चरमपंथियों की बढती सक्रि यता से पुलिस अनजान ही नजर आ रही है। लेकिन शहर में हो रही इस तरह की गतिविधियां निश्चित तौर पर किसी आसन्न खतरे की आहट दे रही है। शहर की शान्त फिजा में किसी भी समय विवादों का जहर घोला जा सकता है।