November 27, 2024

घोटालो को दबाने में लगे कलेक्ट्रोरेट-नगर निगम,सूचना के अधिकार का उड़ाया मखौल

रतलाम,27 नवंबर (इ खबर टुडे)। सरकार सूचना के अधिकार कानून को प्रभावी बनाने के दावे कर रही है। सीजेआई याने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी इस कानून के दायरे में लाए जा रहे है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति उलट है। रतलाम में कलेक्ट्रोरेट और नगर निगम अधिकारी इस कानून का मजाक बना रहे हैं। उच्च स्तर पर अपील के बाद भी जानकारी नही दी रही है। सीएम हेल्प लाइन भी बेअसर है। दबी जुबान में लाखों-करोड़ों के घोटालो से जुड़े मामलों में फाइलें गायब होने की बात सामने आ रही है।

यह कहना है आरटीआई कार्यकर्ता एवं पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष नितीराजसिह राठौर का। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत नगर निगम कार्यालय से 6 महीने पहले 4 मई को यूआइडीएसएसएमटी योजना के तहत शहर में डाली गई पेयजल पाइप लाइन राशन घोटाले से संबंधित फाइल एवं दस्तावेजो संबंधी जानकारी मांगी थी। निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा नियत अवधि में जानकारी नही देने पर उन्होंने 6 जुलाई 2019 को प्रथम अपील नगर निगम आयुक्त के समक्ष की। लेकिन आयुक्त स्तर पर भी कोई जानकारी नही दिलाई गई। इस पर दूसरी अपील राज्य सूचना आयोग में 16 सितंबर 2019 को की गई है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है।
नगर निगम चाहता, तो पहले स्तर पर ही जानकारी उपलब्ध करवा देता। लेकिन उसके लोक सूचना अधिकारी ने आवेदन पर ध्यान ही नहीं दिया और पूरा समय गुजार दिया। प्रथम अपील करने पर नगर निगम आयुक्त ने भी अपील का निराकरण करने में गंभीरता नहीं दिखाई। इसका कारण संभवत करोड़ो रुपए के भ्रष्टाचार का मामला होना रहा।
श्री राठौर ने बताया उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत कलेक्टर कार्यालय में भी राशन घोटाले एवं यूआइडीएसएसएमटी योजना के
से जुड़ी जानकारी देने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है। विडंबना है कि इस आवेदन पर भी संबंधित कार्यालय द्वारा आज तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। उनके अनुसार यूआईडीएसएमटी योजना और राशन घोटाला लाखों करोड़ों रुपए का है। इसमें जमकर भ्रष्टाचार किए गए हैं। राशन घोटाले को रतलाम के पूर्व कलेक्टर चंद्रशेखर ने उजागर किया था। इस घोटाले और यूआईडी एसएसएमटी योजना से जुड़ी फाइलें ही गायब होने की जानकारी मिल रही है उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी नहीं मिलने पर उनके द्वारा सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई है, लेकिन विडंबना है कि सीएम हेल्पलाइन भी इस मामले में बेअसर साबित हो रही है। श्री राठौर ने बताया कि जनहित से जुड़े इन मामलों को लेकर वे कानूनी कार्यवाही कर रहे हैं। घोटालों से जुड़े दोषी अधिकारियों को दंडित कराने का पूरा प्रयास करेंगे।

You may have missed