June 16, 2024

ग्रामीण अंचलों में रोजगार के लिये मनरेगा में नये काम शुरू

ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने अपूर्ण कार्यों को पूरा करने के दिये निर्देश  

भोपाल,11 जून (इ खबरटुडे)। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में श्रमिकों को जरूरत के अनुसार रोजगारमूलक काम खोले जाने की मंजूरी जारी कर दी गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि जिन ग्राम पंचायत में अब कोई भी अपूर्ण काम शेष नहीं है वहॉ लेबर बजट अनुसार शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट (एसओपी) में चिन्हित काम शुरू किये जा रहे हैं। श्री भार्गव ने बताया कि अधिकांश जिलों में मनरेगा में पुराने कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत अक्टूबर माह में मनरेगा में अपूर्ण कार्यों की संख्या करीब 7 लाख 32 हजार थी। अब मात्र 4 लाख 12 हजार निर्माण कार्य अपूर्ण हैं, जिन्हें यथाशीघ्र पूरा किया जा रहा है।

श्री भार्गव ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में मनरेगा में शुरू हो रहे रोजगारमूलक कार्यों में न्यूनतम 60 फीसदी कृषि तथा कृषि आधारित कार्य रहेंगे। ग्राम पंचायत में 60:40 मजदूरी सामग्री अनुपात संधारण की स्थिति नहीं होने पर कृषि एवं कृषि आधारित रोजगारमूलक कार्य लिये जा सकेंगे। जिन पंचायत में अपूर्ण काम पूरे हो गये वहाँ आवश्यकता होने पर पंचायत भवन सेवा केन्द्र का निर्माण प्राथमिकता से हो सकेगा। जनपद पंचायतों को निर्देश दिये गये हैं कि एक समय में किसी भी ग्राम पंचायत में अधिक से अधिक 5 सामुदायिक कार्य और 25 हितग्राहीमूलक कार्य जारी रखे जा सकते हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ग्राम पंचायत में श्रमिकों की माँग अधिक होने पर पहले अपूर्ण कार्यों में मस्टर जारी किये जायेंगे। कार्यों की माँग के अनुसार नये कार्यो में सहायक यंत्री की अनुशंसा ली जायेगी। इसके बाद जिला कार्यक्रम समन्वयक या अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक के अनुमोदन से नये कार्य आवंटित किये जा सकेंगे। मनरेगा अभिसरण के जरिये होने वाले कार्य जिनमें केवल अकुशल मजदूरी मनरेगा से दी जाना है, ऐसे नये कार्य सक्षम स्तर से स्वीकृत होंगे और कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत उन्हें प्रारंभ करवाने के लिये ई-मस्टर जनरेट कर सकेंगे। नये कार्यों के लिये जनपद स्तर पर एक पंजी का संधारण भी किया जायेगा। इस पंजी में नये कार्य खोले जाने का कारण स्पष्ट रूप से दर्शाया जायेगा। यह व्यवस्था वित्तीय वर्ष 2013-14 तक के अपूर्ण कार्य (नवीन वृक्षारोपण के कार्यों को छोड़कर) पूर्ण करवाये जाने तक लागू रहेगी।

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