गुरुमूर्ति का ज्ञान- नोटबंदी नहीं होती तो चौपट हो जाती अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली,16 नवंबर (इ खबरटुडे)।भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य एस गुरुमूर्ति का कहना है कि अगर 2016 में नोटबंदी नहीं की गई होती, तो अर्थव्यवस्था ढह जाती. उन्होंने कहा कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों जैसे बड़े मूल्य के नोटों का इस्तेमाल रीयल एस्टेट और सोने की खरीद में किया जाता था.
गुरुमूर्ति ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में व्याख्यान में कहा कि नोटबंदी से 18 माह पहले 500 और 1,000 रुपये के नोट 4.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए. रीयल एस्टेट और सोने की खरीद में इन नोटों का इस्तेमाल किया जाता था. अगर नोटबंदी नहीं होती तो हमारा हाल भी 2008 के सब प्राइम ऋण संकट जैसा हो जाता.
गुरुमूर्ति ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो भारतीय अर्थव्यवस्था ढह जाती, यह एक सुधारात्मक उपाय था. इसके अलावा एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच गतिरोध का होना कोई अच्छी स्थिति नहीं है.
दरअसल हाल के दिनों में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर गतिरोध उभरकर सामने आया है. इनमें केंद्रीय बैंक की खुद की पूंजी से संबंधी नियम और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र के लिए कर्ज की उपलब्धता के नियम उदार करने से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं.
गुरुमूर्ति ने कहा कि भारत को बासेल पूंजी पर्याप्तता नियम के आगे बढ़कर सोचना चाहिए. उन्होंने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए कर्ज सुविधा बढ़ाने की भी वकालत की.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच हाल के समय में तनाव बढ़ा है. वित्त मंत्रालय ने पहले कभी इस्तेमाल नहीं की गई रिजर्व बैंक कानून की धारा सात के तहत विचार विमर्श शुरू किया है. इसके तहत सरकार को रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करने का अधिकार है. रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक 19 नवंबर को होनी है.