गरीबों के घरों के लिए कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा
प्रदेश में 25 सितम्बर से मनाया जाएगा “गरीब कल्याण वर्ष”
राज्य सरकार दस साल पूरे होने पर जनता के बीच रखेगी अपना रिपोर्ट कार्ड
भोपाल,17 अगस्त(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में कोई भी गरीब बिना घर के नहीं रहेगा, इसके लिये कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा। कानून में बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी गरीब को नहीं हटाये जाने का प्रावधान होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए।
प्रदेश में स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म-शती पर आगामी 25 सितंबर से ‘गरीब कल्याण वर्ष’ मनाया जायेगा। इस दौरान गरीबों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा, उनमें आवश्यक सुधार तथा नयी योजनाएँ लागू की जायेगी। राज्य सरकार आगामी 29 अक्टूबर से 29 नवंबर के दौरान जनता के बीच अपना रिपोर्ट कार्ड रखेगी। इसके लिये ग्राम, विकासखण्ड, जिला और राज्य स्तर पर कार्यक्रम किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके लिये सभी विभागों को तैयारी करने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा और पुलिस महानिरीक्षक सुरेंद्र सिंह मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी विभाग स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में की गयी घोषणाओं के क्रियान्वन की कार्य-योजना बनाये। प्रदेश में भूदान आन्दोलन तथा सीलिंग की अतिरिक्त जमीन उपलब्धता की समीक्षा की जाये तथा इस तरह उपलब्ध जमीन को लघु और सीमांत किसानों को वितरित करने की योजना बनायें। भूमि संबंधी सुधारों के लिये शीघ्र भू-सुधार आयोग बनाया जाये। गरीबों से जुड़े भूमि विवादों के तेजी से निपटारे के लिये फास्ट ट्रेक कोर्ट की कार्रवाई शुरू करें।
भोपाल में सभी साईन बोर्ड हिन्दी में होंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल में आगामी 10 से 12 सितंबर के बीच होने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजन की सभी तैयारियाँ समय-सीमा में पूरी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भोपाल में सभी साइन बोर्ड हिन्दी में हो, इसके लिये जनता के सहयोग से अभियान चलाये। हिन्दी सम्मेलन के दौरान सभी सूचनाएँ और निर्देश हिन्दी में ही हो। सभी प्रमुख सचिव अपने विभाग की बेस्ट प्रेक्टिस का डाक्युमेंटेशन करवाये। आगामी 10 वर्ष में सिंचाई क्षमता 60 लाख हेक्टर करने की योजना जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, ग्रामीण विकास तथा वन विभाग मिल कर बनाये। किसानों को खाद-बीज के कर्ज पर 10 प्रतिशत अनुदान देने तथा फसल बीमा योजना बनाने की कार्रवाई शीघ्र पूरी करे। वनाधिकार अधिनियम के तहत पात्र वनवासियों को पट्टे देने की कार्रवाई जारी रखें। वनवासियों से जुड़े लंबे समय से लंबित छोटे विवादों के मामलों को वापस लेने की कार्रवाई की जाए।
सभी जिला चिकित्सालय में डायलिसिस सुविधा
सभी जिला चिकित्सालय में डायलिसिस की सुविधा आगामी 26 जनवरी तक उपलब्ध करवाई जाए। महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण अभियान की लगातार मॉनीटरिंग की जाए। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद यदि महिलाओं को गंभीर बीमारी का पता चलता है तो उनके इलाज की व्यवस्था की जाए। सामान्य वर्ग के निर्धन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए आय सीमा बढ़ाये। अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने पर अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों के अलावा सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों की भी मदद की जाए। महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन दिया जाए। पुलिस की भर्ती में महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
प्रदेश के स्मार्ट विलेज देश में उदाहरण बनेंगे
प्रदेश के छोटे और मझौले शहरों में सभी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर उन्हें स्मार्ट सिटी बनाया जाए। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग कार्रवाई करें। प्रदेश के गाँवों को स्मार्ट विलेज बनाकर उनमें बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाए। प्रदेश के स्मार्ट विलेज देशभर के लिए उदाहरण बनें। कानून-व्यवस्था के बेहतर क्रियान्वयन के लिए डायल 100 योजना एक नवम्बर से लागू की जाए। थानों में महिलाओं की सुनवाई के लिए महिला पुलिसकर्मियों की व्यवस्था हो। सोयाबीन की फसल को कीट प्रकोप से बचाने के लिए कृषि विभाग युद्ध स्तर पर कार्रवाई करें। सिंहस्थ तथा उसके दौरान होने वाले वैचारिक महाकुंभ की सभी तैयारियाँ समय से पूरी की जाए। मुख्यमंत्री स्वयं, इसमें आने वाले अखाड़ों को सिंहस्थ का निमंत्रण देने के लिए अगले माह नासिक कुंभ जायेंगे।
विभागों की वार्षिक कार्य-योजना वेबसाइट पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी मंत्रियों ने अपने प्रभार के जिलों में 50 लाख रुपये तक की लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा की है। सभी विभाग के प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश से उन्हें मिलने वाले फीड बेक के आधार पर वे अब हर हफ्ते संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को जानकारी भेजेंगे। इसके आधार पर निचले स्तर तक प्रशासन में कसावट लायें तथा गड़बड़ी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करें। लोकायुक्त के प्रकरणों में जिन शासकीय कर्मियों पर आरोप सिद्ध हो गए हैं उन पर तत्काल कार्रवाई करें। विधायकों द्वारा तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट के आधार पर विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करें। सभी विभाग अपनी वार्षिक कार्य-योजना वेबसाइट पर अपलोड करें। विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए सभी विभाग कार्रवाई करें।