January 23, 2025

खेती की उन्नत तकनीकों से किसान बने स़क्षम

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रतलाम,27 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।कलेक्टर श्रीमति तन्वीं सुन्द्रियाल ने रतलाम जिले के ग्रामीण क्षैत्रों में भ्रमण कर किसानो तथा पशु पालकों से उत्पादन की नई तकनीको के प्रयोग के हाल जाने ग्रामीण क्षेत्र मे दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, पोली हाउस फुलों की खेती, अमरूद के बगीचें, अनार, अंगुर के बगीचें, खेती के उन्नत साधनों से होने वाली लाभ सम्बधी जानकारी की विस्तार से पडताल की श्री साॅई डेरी फार्म ग्राम साराखेरी के संचालक ने बताया कि अच्छी प्रजाती की भेंस पालन से अच्छी आय हो रही है।ग्राम रेनमउ, धराड के पोलर्टी फार्म संचालक ने मुर्गी पालन से अच्छी आय होना बताया। राजेश पटेल, निलेश पटेल ने बताया कि अमरूद की नई प्रजाती के उपयोग से पीछले तीन साल में लगभग अस्सी लाख रूपयें की आय हुई है। ग्राम रूपाखेडा के धर्मराज पाटीदार ने बताया कि नई प्रजाती बीएनआर थाई के अमरूद लगाने पर अच्छी आय हो रही है उन्होंने बताया कि खेत मे उनके द्वारा तालाब बनाया गया है। जिसमें लगभग बारह लाख रूपयें की लागत आइ है। इसमेें अस्सी लाख लीटर पानी सग्रहण हो सकता है। जिससे तीन से चार माह पानी की आपूर्ति होती है। सरकारी योजना राज्य यन्त्रीकरण से तीन लाख रूपयें लागत का टेक्टर मिला है जिसमें शासन की ओर से पचास प्रतिशत सब्सिडी से राहत मिली है।
उघानिकी के अधिकारीयों बताया कि रतलाम विकासखण्ड में कुल चार टेक्टर आवटित किये गये है जबकि रतलाम जिले में कुल दस टेक्टर पर सब्सिडी दी जाना थी। ग्राम रूपाखेडा के किसानों ने बताया कि ग्रामवासियो ने समिति बनाकर स्कूल बनवाया है। जिसमें शिक्षा दी जा रही है। ग्राम तितरी के गोविन्दराम केशवलाल ने पाली हाउस की खेती से जीवन उन्नत होना बताया। लक्ष्मीनारायण पाटीदार राज्य कृषक सलाहकार सदस्य ने बताया कि फुलो की खेती कर इसकी बिकवाली बडे शहरों मे की जा रही है। मोतीलाल पाटीदार ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने मेहनत कर अपनी जमीन पर अगुर की खेती की तथा इससे वाईनरी की अपनी कम्पनी का बान्ड बनाकर पहचान बनाई है।

कलेक्टर ने वाईनरी का निरीक्षण किया तथा उत्पादन की पद्वति को जाना तथा इससे होने वाले लाभ की चर्चा कीं। कलेक्टर तथा अन्य अधिकारियो ने ग्राम बिरमावल तथा तितरी की समितियो द्वारा मछली पालन का सज्ञान लिया तथा तालाब मे मछलीयाॅ छोडी ग्रामवासियों ने बताया कि एक समिति को मछली पालन से लगभग तीन से चार लाख रूपयें की वार्षिक आय हो जाती है। जबकि समिति में ईक्कीस सदस्य नामांकित है। भ्रमण के दौरान कलेक्टर सहित उपसंचालक कृषि ज्ञानसिंह मोहनीया, उघानिकी अधिकारी, वेटनरी अधिकारी तथा अन्य अधिकारी आदि उपस्थित रहें।

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