December 24, 2024

कोरोनाकाल में खूब पिया काढ़ा, अब 10 में से छह लोगों को पेट में समस्या

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इंदौर,01 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। इंदौर में कोरोनाकाल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न् औषधियों व मसालों से बना काढ़ा पीने वाले लोग अब नई तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। काढ़े के अत्यधिक सेवन से कई लोगों को पेट, मुंह, आहार नली और आमाशय में छाले, हाइपर एसिडिटी व त्वचा संबंधी रोग हो रहे हैं।

डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले 10 में से छह लोग इन समस्याओं से ग्रस्त हैं। मार्च में जब लॉकडाउन लगा, तभी इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आना शुरू हो गए थे। अप्रैल माह में आयुष विभाग सहित सामाजिक संगठनों ने भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए औषधियों से युक्त काढ़े का सेवन करने की सलाह दी।

लोग गिलोय, अश्वगंधा जैसी औषधियों के साथ घर में विभिन्न् औषधीय मसाले डालकर काढ़ा बनाने और पीने लगे, किंतु कई लोगों ने न आयुर्वेद के पथ्य-अपथ्य नियम का ध्यान रखा, न ही काढ़े की मात्रा का। दस दिन तक सीमित मात्रा में लेने के बजाय लोगों ने सुबह-शाम काढ़ा पीना शुरू कर दिया। उसके दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं।

लोगों को पेट, आहार नली, मुंह में जलन व आमाशय में छाले जैसी समस्याएं होने लगी हैं। इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य डॉ. प्रीति शुक्ला के मुताबिक 10 में से करीब छह लोग पेट, मुंह में छाले, अल्सर, एसिडिटी, पेट और सीने में जलन की समस्या लेकर आ रहे हैं।

दो चुटकी मसाला या औषधि पर्याप्त
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. प्रीति सिंह के अनुसार काढ़ा या चाय एक-एक कप, दिन में तीन बार से अधिक नहीं लेना चाहिए। यह मात्रा भी समान अंतराल से लेना चाहिए। इनमें मसाले या औषधि की मात्रा भी एक कप में दो चुटकी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 13 साल तक की उम्र में एक कप, 13 से 23 साल तक की उम्र में दो कप और 23 वर्ष से अधिक उम्र वाले ही तीन कप काढ़ा या चाय लें, तो उचित हैं।

काढ़ा व चाय के अधिक और अनियमित सेवन से 30 से 60 वर्ष की उम्र के करीब 60 प्रतिशत मरीज पेट में जलन, मुंह में छाले, आमाशय में छाले की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कोविड काल में एसिडिटी, पेट में छाले जैसी समस्या से ग्रस्त मरीजों की संख्या में 15-20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सर्दियों में चाय के अधिक सेवन से यह संख्या 20 प्रतिशत और बढ़ सकती है। – डॉ. अतुल शेंडे, पेट रोग विशेषज्ञ, महाराजा यशवंतराय (एमवाय) अस्पताल, इंदौर, मध्य प्रदेश

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