कैबिनेट / देना, विजया बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी, कर्मचारियों पर असर नहीं पड़ेगा
नई दिल्ली,02जनवरी(इ खबरटुडे)। देना बैंक, विजया बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में विलय को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। यह मर्जर 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। यह एसबीआई के बाद देश का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा। देश के बैंकिंग इतिहास में पहली बार तीन बैंकों का विलय होगा। सरकार ने पिछले साल सितंबर में इसकी घोषणा की थी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस विलय का कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कर्मचारियों की छंटनी भी नहीं की जाएगी।
बीओबी ने शेयर स्वैप रेश्यो तय किया
बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से तय शेयर स्वैप रेश्यो के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बदौड़ा के 402 शेयर जारी किए जाएंगे। देना बैंक के शेयरहोल्डर्स को 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बदौड़ा के 110 शेयर मिलेंगे।
उन्होंने कहा, “विलय का स्वरूप इस तरह का है कि इसके बाद बीओबी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बैंक बन जाएगा।”
बैंकों के कारोबार पर क्या असर पड़ेगा ?
सरकार का अनुमान है कि मर्जर के बाद बनने वाले बैंक का एनपीए 5.71% होगा। यह सरकारी बैंकों के औसत 12.13% एनपीए की तुलना में काफी बेहतर है। मर्जर प्रक्रिया के मुताबिक देना और विजया बैंक का पूरा कारोबार, असेट्स, अधिकार, दावे, टाइटल, लाइसेंस, कर्ज, देनदारियां और दायित्व बैंक ऑफ बड़ौदा को ट्रांसफर हो जाएंगे। मर्जर के बाद देना बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क से बाहर आने में भी मदद मिलेगी।