केरल में मार्क्सवादी हिंसा के विरोध में RRS का विशाल धरना प्रदर्शन
रतलाम01 मार्च(इ खबरटुडे)। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार मार्क्सवादी विचार विश्व की सबसे घृरड़ी विचारधारा है जिस की प्यास सिर्फ रक्त से बुझती है। किसी भी सगठन अथवा व्यक्ति तब हिंसक होता है जब वह विशिप्त हो अथवा अपने स्वयं के अस्तित्व का सकंट हो लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्टो की हिंसा का कारण यह है कि यह घोर असहिष्णुता होने के कारण विपरीत विचारधारा के अस्तित्व को स्वीकार ही नही कर पाते है और विरोधी की हत्या कर उसके खून से अपने विष वृक्षों को सींचते है। उक्त विचार राष्ट्रवादी चिंतक डॉ.रत्नदीप निगम ने स्थानीय मार्केट में आयोजित धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम में व्यक्त कियेडॉ.रत्नदीप निगम ने कहा कि मार्क्सवादी हिंसा का कार्य संपूर्ण विश्व सहित भारत के बंगाल और केरल में कम्युनिस्टो दवरा निरंतर किया जा रहा है। अपनी रक्त पीपाशु प्रवति का प्रदर्शन कर केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवको सघ के राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ताओ की विभक्त और नृशंस हत्याए केरल के मुख्यमंत्री के संरक्षण में नियमित रूप से की जा रही है।
डॉ.रत्नदीप निगम ने कहा लोकतंत्र की रक्षा और अपने जीवित रहने के मानवधिकार के लिए समाज को देश की बर्बादी तक जग करने का नारा देने वाली इस हिंसक विचारधारा को देवभूमि केरल सहित भारत से उखाड़ फेकने की आवश्यक्ता है। भारत के विभाजन की नींव डालने वाली कम्युनिस्ट विचारधारा निरंतर अकादमिक संस्थाओ ,महाविद्यालय,परिसरों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बुर्का पहनकर भारत को तोड़ने का राष्ट्रद्रोही कार्य कर रही है। जिसे पुरे भारत को समझना होगा क्योंकि देश से गददारी का कम्युनिस्टो का लम्बा इतिहास रहा है।
धरना प्रदर्शन में बोलते हुए भालचन्द्र तारे ने उपस्थित समुदाय को चेतावनी दी कि यह एक युद्ध है,जो वैचारिक है और हिंसा की ओर अग्रसर हो रहा है ,जिनके आदर्श वाक्य यह हो कि सत्ता बंदूक की नली से निकलती है वे इस देश को भी हिंसा से बंधक बनाना चाहते है लेकिन जब तक एक भी हिन्दू जीवित है तब तक यह कभी सभंव नही होगा।