कशमसाता रहा आम श्रध्दालु
वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती में मात्र पासधारियों को प्रवेश
उज्जैन,२1फरवरी( इ खबरटुडे)।श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि उत्सव के तहत मंगलवार को वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती में आम श्रध्दालुओं को प्रवेश नहीं मिल सका। मात्र पास धारियों को ही इस भस्मारती के लिए प्रवेश दिया गया । मंदिर के बाहर श्रध्दालुओं को सैलाब उमड़ा पड़ा था। मेगास्क्रीन लगा कर भस्मारती का प्रसारण भी किया गया।
बाबा के दुल्हा स्वरूप दर्शन मंगलवार पुर्वाह्न तक हुए। सुबह 10.30 से 11 के बीच मंदिर में भस्मारती की तैयारियां की जाने लगी। इसके पूर्व मंदिर को आम श्रध्दालुओं से खाली करवा लिया गया था। पासधारी श्रध्दालु ही मंदिर में प्रवेश पा रहे थे।
बाबा आये मूल स्वरूप में
पूर्वाह्न के समय भस्मारती की तैयारियों के तहत बाबा का दुल्हा मुकूट उतारा गया और पासधारी श्रध्दालुओं के बीच सवामन फू ल और फल का मुकूट लुटाया गया। इसके बाद मूल स्वरूप बाबा महाकाल पर हरिओम का जल अतिविशिष्ट श्रध्दालुओं ने गर्भगृह में पंडितों के साथ चढ़ाया। तत्पश्चात भस्मारती के क्रम की शुरूआत हुई। बाबा को स्नान करवाने के उपरांत परंपरागत रूप से विधिविधान अनुसार श्रृंगार किया गया। मान्यतानुसार भस्मी चढ़ाई गई महानिर्वाणी अखाड़ा के प्रतिनिधि ने भस्मी बाबा महाकाल को अर्पित की इसके बाद पूजा का क्रम शुरू हुआ था।
आम श्रध्दालु मनमसोस कर रहें
जिल प्रशासन एवं श्रीमहाकालेश्र मंदिर प्रबंध समिति ने दिन में होने वाली भस्मरती के लेकर एक दिन पूर्व ही आम श्रध्दालुओं के प्रवेश पर रोक का निर्णय लिया था। इसके तहत मंगलवार को भस्मारती के पूर्व प्रात: 10 बजे से मंदिर परिसर एवं मंदिर में केवल पासधारी दर्शनार्थी ही प्रवेश कर पाये। दोपहर की भस्मारती के बाद ही आमश्रध्दालुओं को मंदिर में प्रवेश मिल सका।
भोग आरती दोपहर में
वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती के कारण मंगलवार को सुबह की भोग आरती दोपहर में हुई। मंदिर समिति की और से जारी विज्ञप्ति में बताया गया प्रात: 10.30 बजे की भोग आरती भस्मारती के पश्चात दोपहर 2.30 बजे हुई। मंदिर में समस्त पूजन पं. घनश्चाम शर्मा शासकीय पूजारी के आचार्यत्व में हुआ।