December 23, 2024

उपेक्षा जारी रही तो सिंहस्थ के सरकारी कार्यक्रमों में प्याज फेंकेंगे किसान

प्याज उत्पादक किसानों का आक्रोश चरम पर,आन्दोलन की चेतावनी

रतलाम,6 मई (इ खबरटुडे)। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने कहा है कि सरकार किसानों की prabhakarjiलगातार अनदेखी कर रही है और प्याज उत्पादक किसानों की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। खून पसीना बहाकर उगाए गए प्याज की लागत निकलना तो दूर इन्हे मण्डी तक ले जाना भी किसानों के लिए महंगा साबित हो रहा है। यदि जल्दी ही सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों की समस्या हल नहीं की,तो किसान सिंहस्थ में होने वाले तमाम सरकारी आयोजनों का बहिष्कार करेंगे और सरकारी कार्यक्रमों में प्याज फेंक कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
इस संवाददाता से दूरभाष पर एक विशेष चर्चा में श्री केलकर ने कहा कि प्याज उत्पादक किसानों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। प्याज की कीमतें इतनी गिर गई है कि प्याज को मण्डी तक ले जाने का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान प्याज को मुफ्त बांटने और फेंक देने के लिए मजबूर हो रहे है। प्रदेश में असमय हुई वर्षा के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। किसानों के घरों में रखे प्याज के सडऩे का खतरा मण्डराने लगा है। प्याज उत्पादक किसानों की हालत बिगडने के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। प्याज के निर्यात पर भारी शुल्क लगाया गया है। इसकी वजह से घरेलु बाजार में प्याज के दाम गिरते गिरते रसातल को जा चुके है।
श्री केलकर ने कहा कि किसानों में सरकार की नीतियों को लेकर रोष पनप रहा है। सरकार हर तरह के काम कर रही है,लेकिन किसानों की ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। प्रदेश के कई जिलों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे है। अनेक स्थानों पर किसानों ने लोगों को मुफ्त प्याज बांट कर अपना विरोध दर्ज कराया है। लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। श्री केलकर ने कहा कि किसानों के सब्र का बांध अब टूटने को है। उपेक्षा का सरकारी रवैया यदि इसी तरह जारी रहा तो कोई बडी बात नहीं कि किसान उग्र आन्दोलन पर उतर आए।
उन्होने कहा कि सिंहस्थ के दौरान शासन द्वारा अनेक शासकीय आयोजन किए जा रहे हैं। किसान चाहते है कि सरकार जल्दी से जल्दी प्याज उत्पादकों की समस्या हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं। सरकार को तत्काल उचित मूल्य पर प्याज की सरकारी खरीद की व्यवस्था करना चाहिए अन्यथा किसान सिंहस्थ में हो रहे तमाम सरकारी आयोजनों का बहिष्कार करने को मजबूर हो जाएंगे और इन शासकीय आयोजनों में प्याज फेंक कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
सिंहस्थ में हुई असमय बारिश और आंधी के कारण दिवंगत व्यक्तियों को श्रध्दांजलि देते हुए श्री केलकर ने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप के कारण सिंहस्थ की व्यवस्थाएं प्रभावित हुई,लेकिन वहां मौजूद लोगों ने अपने स्तर पर सेवा और राहत के काम कर स्थिति को तेजी से सामान्य बनाने का सराहनीय प्रयास किया। उन्होने कहा कि भारतीय किसान संघ द्वारा भी सिंहस्थ में अन्नक्षेत्र चलाया जा रहा है,जहां प्रतिदिन हजारों श्रध्दालु भोजन प्रसादी प्राप्त कर रहे है। श्री केलकर ने कहा कि बारिश और आंधी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को संभालने के लिए किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने भी जम कर प्रयास किए। श्री केलकर ने बताया कि वे भी शनिवार को उज्जैन पंहुचेंगे और सिंहस्थ में भारतीय किसान संघ द्वारा चलाए जा रहे अन्नक्षेत्र की व्यवस्थाओं का अवलोकन करेंगे।

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