उत्तरप्रदेश : विधानसभा ने पारित किया यूपीकोका बिल, विपक्ष बोला – यह पुलिस की जेब भरने वाला कानून
लखनऊ,27मार्च (इ खबरटुडे)। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में यूपीकोका (उत्तरप्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण कानून) बिल पेश किया. उत्तर प्रदेश विधानसभा ने यूपीकोका (उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण) विधेयक, 2017 को पारित कर दिया. इससे पहले सरकार इस बिल को विधान परिषद में पारित करवाने में विफल रही थी और फिर प्रवर समिति में भी सरकार का प्रस्ताव गिर गया था. यह बिल महाराष्ट्र में अपराध नियंत्रण के लिए 1999 में बनाये गये कठोर कानून की तरह है, जिसे मकोका नाम दिया गया था. मकोका पर उस समय देश में काफी हंगामा भी मचा था. यूपीकोका बिल के कानून की शक्ल लेने पर जबरन वसूली, अपहरण, हत्या या इसका प्रयास व संगठित अपराध करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
यूपीकोका को काला कानून बताते हुए विपक्ष ने हालांकि सदन से वाक आउट किया. योगी ने उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक :यूपीकोका: 2017 पेश करते हुए कहा, ”संगठित अपराध एक जिले या एक राज्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय बन गया है. अपराध नियंत्रण के लिए जो प्रयास हमारी सरकार ने किये, उसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आये हैं. उन सबके बावजूद महसूस किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए कठोर कानून की आवश्यकता है.” उन्होंने कहा कि अपराध की प्रकृति और दायरा बढ़ने के साथ साथ प्रदेश में संगठित अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक कानून की आवश्यकता बहुत दिन से महसूस की जा रही है. सरकार प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे, उसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हम ये विधेयक लाये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है. विभिन्न प्रदेशों से हमारी सीमाएं मिलती हैं. नेपाल से हमारी सीमाएं मिलती हैं. ये सभी सीमाएं खुली हैं….आज ऐसे कानून की आवश्यकता है जो संगठित अपराध में लिप्त तत्वों पर कठोरता करे और आम जनमानस को बिना भेदभाव के सुरक्षा की गारंटी दे सके. उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से प्रदेश में पिछले एक वर्ष में एक माहौल देने का कार्य हुआ है. जो प्रयास हमारी सरकार ने किये, उसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आये हैं. योगी ने कहा कि यूपीकोका का दुरूपयोग कोई नहीं कर सकता.
नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी (सपा) ने कहा कि हर सरकार चाहती है कि उसके राज में कानून व्यवस्था ठीक हो. जनता भी यही चाहती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण से प्रतीत हुआ कि अपराध घटे हैं. जब कानून व्यवस्था बेहतर हो गयी है तब इस कानून को लाने की जरूरत क्या है. यह लोकतंत्र एवं संविधान विरोधी कानून है. चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के समय अपराध बढ़े हैं. यूपीकोका पुलिस की जेब भरने वाला कानून है. बसपा नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने भी विधेयक का विरोध किया.
इस बिल के तहत सरकार अपराध नियंत्रण के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालयों का गठन करेगी, ताकि अापराधिक मामलों का त्वरित ढंग से निष्पादन हो सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व में कह चुके हैं कि इस बिल के कानून की शक्ल लेने पर इससे राज्य में निवेश बढ़ाने और उद्योग व्यापार का माहौल अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी.
इस कानून के तहत आने वाले मामलों की जांच कमिश्नर व आइजी रैंक के अधिकारी करेंगे, ताकि कानून के गलत उपयोग से बचा जा सके. पुलिस अधिकारियों को इसके लिए अपने वरीय अफसरों से अनुमति लेनी होगी. इस बिल के कानून बनने पर राज्य सरकार के पास अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का भी अधिकार होगा. हालांकि इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी. इस बिल के तहत ऐसे असंगठित अपराध करने वालों को सरकारी सुरक्षा भी मुहैया नहीं करायी जाएगी.
पूर्व में विधानसभा में पारित हुआ था बिल
विधानसभा में यूपीकोका बिल को 21 दिसंबर को पारित किया गया था, लेकिन तब यह विधानसभा में अटक गया था. इसके बाद इसे प्रवर समिति के पास भेज दिया गया. 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार करने का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था. इस कारण सरकार ने इस बिल को आज फिर उत्तरप्रदेश विधानसभा में पेश किया. राज्य में विपक्ष का इस योगी सरकार के इस बिल पर विरोध है.