November 23, 2024

उज्जैन:फायर फायटर से धूला बाबा महाकाल का मंदिर

उज्जैन,21 जून (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। सूर्य ग्रहण के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट खुले हुए थे।इस दौरान भगवान के दर्शन भी श्रद्धालुओं को होते रहे। ग्रहण काल के बाद मंदिर की शुद्धिकरण में फायर फायटर का उपयोग किया गया।पूरे मंदिर को शिप्रा एवं गंगा जल का उपयोग कर शुद्धिकरण किया गया।इसके उपरांत भगवान की भोग आरती की गई।

सूर्य ग्रहण के दौरान विश्व शांति के लिए भगवान महाकाल के मंदिर में पंडितों और पुरोहित ने जप अनुष्ठान किया गया।पं.आशीष पुजारी ने बताया कि ग्रहण काल में महाकाल के गृर्भगृह के पट खुले थे ।भगवान के दर्शन जारी थे।प्रतिमा स्पर्श निषिध था।पूरे ग्रहण काल इस दौरान शांति,और महामारी समाप्ति को लेकर मंदिर के पंडितों और पुरोहितों ने जप अनुष्ठान किया।ग्रहण मोक्ष के बाद मंदिर के गृभ गृह एवं पुरे मंदिर को परिसर के साथ शिप्रा एवं पवित्र गंगा के जल से धोकर शुद्धिकरण किया गया।इस दौरान फायर फायटर का उपयोग कर मंदिर के उपरी तीन तल को भी धोया गया।शुद्धिकरण के उपरांत सुबह 10 बजे होने वाली भोग आरती में बाबा महाकाल को भोग लगाया गया।

सिद्धवट पर कोरोना समाप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान-
सनातन धर्म में ग्रहण काल में किए गए जप एवं अनुष्ठान का विशेष फल मिलता है।रविवार को सूर्य ग्रहण के समय कोरोना महामारी समाप्ति हेतु सिद्धवट मंदिर पर विशेष अनुष्ठान किया गया।पूरे ग्रहण काल यह अनुष्ठान किया गया। कोराना महामारी के चलते सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण की शुरुआत मंदिरों में तथा तीर्थ स्थानों पर विश्व में फैली कोराना महामारी समाप्त करने के लिए देवी आराधना तथा भगवान से मंदिरों में तीर्थों में ब्राह्मणों तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों के द्वारा जप तप कर अनुष्ठान के आयोजन किए गए।

अनुष्ठान आयोजन को लेकर सिद्धवट मंदिर पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार आध्यात्मिक एवं ज्योतिष दृष्टि से सूर्य ग्रहण तक कोरोनावायरस चरमोत्कर्ष था। अब ज्योतिष एवं धार्मिक आध्यात्मिक आधार पर यह संभावनाएं व्यक्त की जा रही है कि इस महामारी का अब इस सूर्य ग्रहण की समाप्ति के पश्चात शनै शनै क्षरण होकर समाप्त होगा।

इसी क्रम में आज उज्जैन के विभिन्न मंदिरों पर भगवान के मंदिरों के पट बंद कर तीर्थ पुरोहितों पुजारियों ब्राह्मणों के द्वारा जप तप एवं अनुष्ठान के आयोजन किए गए इस क्रम में सिद्धवट मंदिर तीर्थ किनारे भी मंदिर के पुजारी गण सर्व पंडित सुधीर चतुर्वेदी पंडित गोपाल कृष्ण पुजारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी पंडित दिनेश चतुर्वेदी अनय पुजारी पंडित उपेंद्र चतुर्वेदी पंडित हेमंत शास्त्री जीवन गुरु शर्मा कमल भावसार पुजारी आदि कई तीर्थ पुरोहितों पुजारियों ने कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए जप तप का अनुष्ठान कर भगवान सिद्धवट एवं मां क्षिप्रा से प्रार्थना की गई।

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