ई-पंचायतों में शुरू होंगी जन-सुविधाएँ
इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली और कम्प्यूटर सामग्री की सुरक्षा संबंधी निर्देश जारी
भोपाल 7 फरवरी (इ खबरटुडे)
ई-पंचायत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की सभी 23 हजार 6 ग्राम-पंचायत को ई-पंचायत में परिवर्तित किया जा रहा है। जिन ग्राम-पंचायत में पंचायत भवन बने हुए हैं, वहाँ पंच-परमेश्वर योजना, परफार्मेंस गारंटी, स्व-कराधान योजना, एकीकृत विकास कार्यक्रम, बीआरजीएफ और आरजीएफ आदि योजनाओं में ई-पंचायत कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। ई-पंचायत कक्ष में अति-लघु बैंक (अल्ट्रा स्मॉल बैंक) भी स्थापित किये जा रहे हैं। ग्राम-पंचायत भवन कार्यालय में स्थापित ई-पंचायत कक्ष से ग्रामीणों को जाति एवं आय प्रमाण-पत्र, खसरा नक्शा इत्यादि जन-सुविधाएँ कार्यालयीन समय में प्रदाय की जायेंगी। इसके अलावा यहाँ स्थापित अल्ट्रा स्मॉल बैंक से मनरेगा मजदूरी का भुगतान सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में मिलने वाली पेंशन और सहायता राशि, विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति तथा जननी सुरक्षा योजना में मिलने वाली राशि का त्वरित भुगतान हितग्राहियों को हो सकेगा।
ई-पंचायत व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सभी ग्राम-पंचायत को कम्प्यूटर सामग्री जिला-स्तर पर गठित समिति के माध्यम से क्रय की जाकर मुहैया करवाई जा रही है। प्रत्येक कम्प्यूटर में एम.एस. विण्डोज-7 होम बेसिक आपरेटिंग सिस्टम, एम.एस. ऑफिस-2013, इंडिक प्रोडक्टिविटी सॉफ्टवेयर होगा। इसके साथ ही प्रत्येक ई-पंचायत को स्केनर, लेजर प्रिंटर, यूपीएस, 40 इंच एलईडी टी.व्ही., 8 पोर्ट लेन स्विच, थ्री पेच कार्डस तथा 8 जी.बी. पेनड्राइव प्रदाय की जा रही हैं। प्रत्येक ई-पंचायत को उपलब्ध करवाई गई कम्प्यूटर सामग्री का पूरा ब्यौरा मोबाइल एप के माध्यम से वेबसाइट पर दर्ज किया जा रहा है। प्रत्येक हार्डवेयर सामग्री का फोटो खींचकर इस मोबाइल एप के जरिये जियो-टेग्ड करने के निर्देश दिये जा रहे हैं। इस व्यवस्था से चोरी या खो जाने की स्थिति में कम्प्यूटर सामग्री का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
ई-पंचायत व्यवस्था के लिये ग्राम-पंचायतों में प्रदाय कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं अन्य संबंधित सामग्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राम-पंचायत सचिव, ग्राम-पंचायत समन्वयक अधिकारी और सरपंच को सौंपे जाने के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी किये हैं। कम्प्यूटर हार्डवेयर और अन्य सामग्री चोरी हो जाने पर संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करना होगी। यह सामग्री नहीं मिलने पर संबंधित ग्राम-पंचायत के सचिव/सरपंच से लागत की वसूली की जायेगी। पंच-परमेश्वर योजना में 10 प्रतिशत आरक्षित राशि से कम्प्यूटर सामग्री की सुरक्षा के लिये बीमा करवाये जाने और बीमे के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करने के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
जिन ग्राम-पंचायत में कम्प्यूटर सामग्री स्थापित हो चुकी है, ऐसी सभी ग्राम-पंचायत में बिजली की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। बिजली बिलों का भुगतान भी पंच-परमेश्वर योजना में 10 प्रतिशत आरक्षित राशि से अथवा पर्याप्त राशि उपलब्ध न होने पर परफार्मेंस ग्रांट राशि से किया जा सकेगा। ई-पंचायत में ब्रॉडबेण्ड कनेक्टिविटी पर आने वाला खर्च भी इसी राशि से किया जायेगा। इंटरनेट कनेक्टिविटी बी.एस.एन.एल. या अन्य इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर(आईएसपी) के माध्यम से ली जायेगी। ब्रॉडबेण्ड कनेक्टिविटी 512 के.बी.पी.एस. स्पीड की होना आवश्यक होगा। यह एडीएसएल या वायमेक्स या ओएफसी टेक्नालॉजी आधारित होगी। जिन ई-पंचायत में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध हो रही है, वहाँ शासन द्वारा निर्धारित जन-सुविधा सेवाएँ प्रदाय करना प्रारंभ किया जा रहा है।