आपदा प्रबन्धन में होमगार्ड जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका – कलेक्टर डा.गोयल
बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए प्रशिक्षण अतिआवश्यक-एसपी डा.आशीष
दो दिवसीय आपदा प्रबन्धन कार्यशाला का शुभारम्भ
रतलाम, 14 दिसस्बर (इ खबरटुडे)। कलेक्टर डा.संजय गोयल ने आपदा की स्थिति में प्रारम्भिक तौर पर होमगार्ड के जवानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया है। आपदा प्रबन्धन कें लिए जिला मुख्यालय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए हर समय जवानों को मानसिक तौर पर हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डा.आशीष ने संबांेधित करते हुए कहा कि बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए जानकारियां और प्रशिक्षण अतिआवश्यक है।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज होमगार्ड विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय आपदा प्रबन्धन कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर डा.संजय गोयल ने कार्यशाला में सहभागी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संभावित आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व योजनाएं सदैव नियोजित रहनी चाहिए। डा.गोयल ने बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए चार सूत्र दिए। उन्होंने कहा कि संभावित आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन के लिए आपदा का 1. आकलन 2. आपदा के समय प्राथमिकताएं 3. प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का विभाजन एवं आवंटन और 4. कार्य विभाजन के पश्चात जान-माल के नुकसान का अनुमान और तैयारियां।
डा.गोयल ने कहा कि उपरोक्त चारों कार्यों के आधार पर प्राकृतिक अथवा मानव जनित किसी भी आपदा से निपटने के लिए बेहतर प्रबन्ध किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा आने पर प्रारम्भिक स्तर पर होमगार्ड के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। वे स्वयं को छोटा अधिकारी या कर्मचारी न समझकर जान माल के नुकसान को कमतर करने में त्वरित फैसला ले कर आवश्यक कार्य करें और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएं ताकि पुलिस एवं प्रशासन की सहायता पहुंचने तक फौरी तौर पर पीड़ितों को राहत मिल सके। किसी भी प्रकार का फैसला घबराहट में न लें। वरिष्ठों के अगले निर्देश मिलने तक मानवीय दृष्टिकोण को दृष्टिगत रखते हुए स्वयं के स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के साथ बेहतर प्रबन्ध करें।ं ंउन्होंने प्रारम्भ में जिले में होमगार्ड विभाग और डिस्ट्ीस्ट कमांडेंट की सक्रियता की सराहना की ।
पुलिस अधीक्षक डा.आशीष ने अपने उद्बोधन में कहा कि बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए होमगार्ड जवानो अन्य सभी विभागों को प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। किसी भी आपदा से निपटने के लिए हर समय संभावित तैयारियां होनी चाहिए ताकि उसके दुष्परिणामों को न्यूनतम किया जा सके। विपत्ति की स्थिति में तत्काल कार्यवाही की जा सके साथ ही आपदा के पश्चात समुचित पुनर्वास सभव हो सके। डा.आशीष ने कहा कि बेहतर आपदा प्रबन्धन के लिए प्रत्युत्तर तंत्र का दस्तावेजीकरण पूर्व से ही तैयार किया जाना चाहिए ताकि आपदा के समय समुचित तरीके से उसे लागू किया जा कर प्रबन्ध किए जा सके।
कार्यशाला के प्रारम्भ में डिस्ट्रीक्ट कमांडेंट होमगार्ड आर.एस.खींची द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की जाकर उद्देश्यों से अवगत कराया गया। उन्होंने बतया कि दो दिवसीय कार्यशाला में जिले के 18 विभाग के अधिकारियों द्वारा आपदा प्रबन्धन में उनकी भूमिकाओं से अवगत कराया जाएगा। प्रशिक्षणार्थियों को प्राकृतिक आपदाओं एवं मानव निर्मित विपरीत परिस्थितियों से निपटने के तात्कालिक उपायों से अवगत कराया जाएगा। श्री खींची ने आपदा प्रबन्धन के लिए विभाग के पास उपलब्ध संसाधनों का उपयोग एवं सहज तौर पर घरों में उपलब्ध संसाधनों का कैसे उपयोग किया जाए इस बारे में भी बताया।
कार्यशाला में होमगार्ड विभाग के सेवानिवृत्त संभागीय कमांडेंट बी.आर.बख्शी एवं जिला कमांडेंट आर.सी.सहगल, अधीक्षण यंत्री विद्युत विभाग धर्मेन्द्र पाटीदार सहित होमगार्ड के अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे।