November 15, 2024

आधार वैध पर सभी जगह जरूरी नहीं, सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अनिवार्य- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली27सितम्बर(इ खबरटुडे) सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘आधार’ को 4:1 के बहुमत से संवैधानिक ठहराया।  हालांकि अदालत ने आधार संख्या को बैंक खाते तथा फोन नंबर से जोड़ने को असंवैधानिक बताते हुए इससे संबंधित प्रावधान रद्द कर दिए।

संदेहास्पद नहीं बना सकते: कोर्ट ने कहा, आधार से जोड़कर बैंक में खाता खोलने की प्रक्रिया को संदेहास्पद नहीं बनाया जा सकता। वहीं, कोर्ट ने आधार को आयकर रिटर्न और पैन से जोड़ने की अनिवार्यता को बरकरार रखा।

तीन अलग-अलग फैसले
आधार नंबर की अनिवार्यता और इससे निजता के उल्लंघन मामले की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने 1448 पन्नों में तीन फैसले सुनाए। पहला फैसला जस्टिस ए के सीकरी ने सुनाया जिससे  मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और एएम खनविल्कर सहमत थे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की राय जुदा थी। वहीं जस्टिस अशोक भूषण ने पहले फैसले से सहमति दिखाई लेकिन अपनी अलग राय व्यक्त की। संविधान पीठ ने कहा कि आधार का मतलब अद्वितीय है और अद्वितीय होना सर्वश्रेष्ठ होने से बेहतर है।

-आधार पहचान
बहुमत के फैसले में संविधान पीठ ने कहा कि आधार से बहुत सारे लोग लाभान्वित हो रहे हैं तो ऐसी हालत में कुछ के छूट जाने के कारण इसे गलत नहीं कह सकते। आधार समाज के वंचित तबके को सशक्त बनाता है और उन्हें पहचान देता है।

-जानकारी सुरक्षित
अदालत ने कहा आधार के लिए न्यूनतम आंकड़े एकत्र किए जाते हैं जो कुछ ही सेकंड बाद सीधे यूआईडी में चले जाते हैं और इन्हें एकत्र करने वाला भी नहीं देख सकता। आधार योजना के सत्यापन के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रणाली है। इससे सिर्फ बायोमीट्रिक डाटा ही मैच किया जाता है, किसी की लोकेशन और लेनदेन नहीं। इसलिए इससे लोगों की प्रोफाइलिंग होना संभव नहीं है।

-यहां जरूरी
*पैन कार्ड: सर्वोच्च अदालत की की संविधान पीठ ने कहा, पैन नंबर को आधार संख्या से जोड़ना अनिवार्य होगा

*आयकर रिटर्न: आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए भी आधार संख्या देना जरूरी

*सरकारी योजनाएं: कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने और केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य

*सुरक्षा: जांच एजेंसियां राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर डाटा ले सकेंगी पर इसके लिए उन्हें न्यायिक आदेश लाना होगा
यहां जरूरी नहीं

*बैंक खाते: बैंक खाते को आधार नंबर से जोड़ना अनिवार्य नहीं। खाता खोलते समय बैंक आधार की मांग नहीं कर सकते

*मोबाइल: मोबाइल सिम लेने के लिए टेलीकॉम कंपनियां आधार नंबर नहीं मांग सकतीं

*शिक्षा-परीक्षा: बच्चों के एडमिशन के समय स्कूल आधार नहीं मांग सकते। सीबीएसई, यूजीसी, नीट और बोर्ड परीक्षाओं के लिए आधार जरूरी नहीं

*सरकारी सेवाएं: आधार नहीं होने पर बच्चों को सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता

*घुसपैठियों को आधार न मिले

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि देश में अवैध रूप से घुसने वाले लोगों का आधार कार्ड न बन पाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए।

-फैसले के मुख्य बिन्दु

*- आधार से लोगों की निगरानी करना संभव नहीं है

*- सरकार डाटा सुरक्षा के लिए और उपाए करे

*- डाटा स्टोर करने की अवधि छह माह से ज्यादा न हो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह जरूरी नहीं कि हर चीज सर्वोत्तम हो, कुछ अलग (यूनिक) भी होना चाहिए। आधार समाज के वंचित तबके को सशक्त करने और उन्हें पहचान देने का काम करता है। आधार अलग है, क्योंकि इसकी प्रतिलिपि नहीं बन सकती।

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