अधिकार और कर्तव्य का समावेश है भारत का सविधान – न्यायाधीश दीपक गुप्ता
रतलाम,26 नवंबर( इ खबर टुडे)। भारत के सविधान में विश्व की समस्त अच्छी बातो का समावेश किया गया है। सारी अच्छाईयो को स्वीकार किया गया है। सविधान में अधिकार और कर्तव्य का समावेश किया गया है। यह विचार प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने मंगलवार को संविधान दिवस पर अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद रतलाम इकाई द्वारा आयोजित परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
श्री गुप्ता ने कहा कि विश्व का श्रेष्ठ सविधान हमारे पास है। संविधान ने कानून की व्याख्या जनसाधारण के पक्ष में की है। समय -समय पर संविधान में संसोधन किये गए है। परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित साहित्यकार डॉ मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा कि भारतीय संविधान सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है। भारत के नागरिको ने संविधान को आत्मर्पित किया है। भारत का संविधान राष्ट्रधर्म का ग्रंथ है।भारत का संविधान उस बुजुर्ग की तरह है जो पुरे परिवार का मार्गदर्शन करता है। संविधान भारत का मार्गदर्शक ग्रंथ है।
अध्यक्षता करते हुआ अभिभाषक संघ अध्यक्ष दशरथ पाटीदार ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान में उल्लेखित कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। स्वागत उद्बोधन अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष किशोर मंडोरा ने दिया , इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अनिल भाटिया उपस्थित थे। प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत कमलेश भंडारी ,उदय चन्द्र कसेड़िया,राकेश मेढ़ा,सवालिया पाटीदार,नंदकिशोर कटारिया,समरथ पाटीदार,विवेक उपाध्याय ने किया।कार्यक्रम का संचालन महामंत्री सतीश त्रिपाठी ने किया आभार विस्मय चतर ने माना। इस दौरान बड़ी सख्या में न्यायाधीशगण व अभिभाषकगण उपस्थित थे।