December 26, 2024

अधिकारों की लड़ाई में HC से केजरीवाल सरकार को झटका

kegriwal

नई दिल्ली,04 अगस्त (इ खबरटुडे)। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच चल रही अधिकारों की लड़ाई पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों मे आखिरी फैसला केंद्र ही करेगा. अदालत के इस फैसले से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है.
भारत के संविधान के आर्टिकल 239AA के तहत भारत की यूनियन टैरिटरी में पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन से जुड़े मामलों मे पॉवर केंद्र के हाथ में है. और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे अपने आदेश में भी बरकरार रखा है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों की लड़ाई पर अपना फैसला सुना दिया है. दरअसल दोनों के बीच कई मुद्दों पर अधिकारों को लेकर टकराव होता रहा है और 24 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

दिल्ली हाईकोर्ट में फिलहाल 9 याचिकाएं थीं जिनपर फैसला आना है. उनमें से 5 प्रमुख याचिकाएं ये हैं.

1. दिल्ली सरकार के CNG फिटनेस घोटाले को लेकर जस्टिस एसएन अग्रवाल कमेटी का गठन.
2. डीडीसीए में अनियमितता की जांच के लिए दिल्ली सरकार के गोपाल सुब्रमण्यम कमेटी का गठन.
3. एंटी करप्टशन ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र को लेकर केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन को चुनौती जिसमें कहा गया है कि एसीबी को केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है.
4. ACB में केंद्र सरकार की ओर से मुकेश मीणा की प्रमुख के तौर पर नियुक्ति और अफसरों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका भी लंबित है.
5. दिल्ली सरकार के सर्किल रेट के नोटिफिकेशन से जुड़ी याचिका जिसमें कहा गया है कि ये अधिकार LG का है.

हम जाएंगे सुप्रीम कोर्ट-पार्टी प्रवक्‍ता
दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्‍ता आशुतोष ने कहा है कि ‘हाईकोर्ट के इस फैसले का हम स्‍वागत करते हैं. इसे हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.

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