सोनू सूद को शिवसेना ने बताया बीजेपी का प्यादा, कहा- मुंबई में अचानक एक महात्मा तैयार हो गया
मुंबई,7 जून (इ खबरटुडे)। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद जहां अपनी कोशिशों से सभी का दिल जीत रहे हैं वहीं अपने खर्चे पर मजूदरों को घर भेजने की उनकी ये दरियादिली महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना को पसंद नहीं आई है. शिवसेना ने एक्टर सोनू सूद को बीजेपी का प्यादा कहा है. शिव सेना के मुखपत्र सामना में पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी सोनू सूद का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने के लिए कर रही है.
सामना के कॉलम में लिखा है, “महाराष्ट्र में सोशल वर्क की लंबी परंपरा रही है, इसमें महान सामाजिक कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबा आम्टे शामिल रहे हैं, और अब इस लिस्ट में एक और व्यक्ति शामिल हो गए हैं, वह हैं सोनू सूद.” उनके कई वीडियो और तस्वीरें दिख रही हैं, उनमें सोनू सूद चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं.”
अचानक एक महात्मा तैयार हो गया
संजय राउत ने आर्टिकल में लिखा कि लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गया. प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए उनके नाम की चर्चा हो रही है.
सामना में आगे लिखा है, कहा जा रहा है कि जिन लोगों को केंद्र और राज्य सरकार घर नहीं भेज सकी है, सोनू सूद ने उन्हें अपने घर भिजवाया. यहां तक कि राज्यपाल ने भी उनकी तारीफ की.
सोन सूद को बीजेपी ने गोद लिया
संजय राउत ने कहा कि इन अभियानों के पीछे सोनू सूद महज एक चेहरा हैं. महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का इस्तेमाल उद्धव सरकार पर आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं. ये लोग सोनू सूद को सुपरहीरो के तौर पर पेश करने में सफल रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मदद के बिना वे कुछ नहीं कर सकते थे.
बीजेपी पर आरोप लगाते हुए संजय राउत ने कहा है कि बीजेपी के कुछ लोगों ने सोनू सूद को एडॉप्ट किया है और ये काम चुपके चुपके हुआ है.
संजय राउत ने एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देकर आरोप लगाया है कि सोनू सूद पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं. संजय राउत ने कहा कि इन सब के पीछे कौन है? उन्होंने कहा कि अब सोनू सूद का नाम मन की बात में आएगा, उन्हें पीएम मोदी से मिलने का मौका मिलेगा, फिर वो दिल्ली, यूपी में बीजेपी का प्रचार करेंगे.
आरोप लगाकर नाकामी नहीं छिपा सकते-बीजेपी
बीजेपी ने शिवसेना के इस आर्टिकल पर प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेता राम कदम ने कहा है कि सोनू सूद के बारे में शिवसेना का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. यह उनकी फ्रस्ट्रेशन को दिखाता है, उनकी सरकार इस महामारी पर काबू पाने में नाकाम रही है. सोनू सूद के काम की तारीफ करने की बजाय वे उन पर घटिया आरोप लगा रहे हैं. सोनू सूद पर आरोप लगाकर वे अपनी नाकामी नहीं छिपा सकते हैं.