November 7, 2024

सम्बध्दता ली नहीं, परीक्षा दिला दी

परीक्षा बाद तक नहीं पहुंचे परीक्षा आवेदन, खुलासा हुआ तो जांच बैठाई

उज्जैन,7 जनवरी (इ खबरटुडे)। विक्रम विश्वविद्यालय में नित नये कारनामे सामने आते है। ऐसा ही एक मामला प्रायवेट कॉलेज का सामने आया है। विक्रम विवि के अकादमिक विभाग के माध्यम से सत्र 2014-15 के लिए वार्षिक सम्बध्दता शुल्क अदा कर प्रायवेट कॉलेज को प्रक्रिया पूरी करनी थी किन्तु इसके बावजूद संबंधित महाविद्यालय में छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित करते हुए उनके आवेदन फार्म भी नहीं भराए। परिणाम घोषित करने के लिए जब महाविद्यालय का पत्र आया तो इस बात का खुलासा हुआ। मामले में कुलपति ने जांच बैठाई है। मंगलवार को जांच समिति ने तीन घंटे मंथन किया।
विक्रम विवि के अकादमिक विभाग से पूर्व में सम्बध्दता लेकर भैसोदा मंडी में संचालित होने वाले ज्ञान विहार महाविद्यालय का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। मंगलवार को कुलपति द्वारा गठित समिति की बैठक में लम्बे मंथन के बाद निर्णय नहीं हुआ। पूरा मामला यह है कि ज्ञान विहार महाविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय से सत्र 2014-15 के लिए वार्षिक सम्बध्दता शुल्क जमा कर प्रमाण पत्र लिया जाना था। महाविद्यालय में संचालित होने वाले बीबीए पाठयक्रम के लिए 34500, बीसीए पाठयक्रम के लिए 34500 रुपये और अस्थायी सम्बध्दता शुल्क 5750 रुपये अक्टुबर माह तक जमा होना था। शुल्क जमा होने के बाद अकादमिक विभाग द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके पूर्व महाविद्यालय प्रशासन ने विवि के परीक्षा विभाग द्वारा बीबीए व बीसीए तृतीय, चतुर्थ व छठें सेमेस्टर के लिए 26 मई 2014 से विलंब शुल्क के साथ 12 जून 2014 तक परीक्षा आवेदन फार्म ऑनलाईन भरे जाने थे। किन्तु महाविद्यालय प्रशासन ने बीसीए चतुर्थ सेमेस्टर व बीबीए छठें सेमेस्टर के विद्यार्थियों के फार्म ऑनलाईन नहीं भरे और सीधे ही परीक्षा में बैठा लिया। परीक्षा होने के बाद जब विभाग द्वारा डाटा नहीं होने के कारण परिणाम रोके गए तो मामले का खुलासा हुआ। महाविद्यालय प्रशासन ने पत्र लिखकर छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की है। इसके बाद कुलपति ने इस मामले में 6 सदस्यीय समिति का गठन सोमवार को किया और मंगलवार को दोपहर 12.30 बजे बैठक आयोजित हुई। समिति में प्रो. एम.एस. परिहार, प्रो. नागेश शिन्दे, प्रो. डॉ. उमेश सिंह, डॉ. डी.डी. बेदिया, डॉ. रामेश्वर सोनी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. जी.आर. गांगले, उप कुलसचिव रचना ठाकुर मौजूद थे। करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद भी इस मामले में कोई निराकरण नहीं निकला। संभावना है कि बुधवार को अर्थदण्ड के साथ इस मामले का हल निकाला जाएगा।

पूर्व में भी कॉलेज को लगा है अर्थदण्ड

ज्ञान विहार महाविद्यालय भैंसोदा मंडी द्वारा पूर्व में भी बीसीए छठे सेमेस्टर के परीक्षा आवेदन पत्र निर्धारित अवधि में सम्मिलित नहीं किए थे। उस दौरान करीब 13 विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम विवि प्रशासन ने रोक दिए थे। इसके बाद महाविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देने के बाद अर्थदण्ड के रुप में करीब एक लाख रुपये विवि के कोष में जमा कराने के बाद बीसीए छठे सेमेस्टर का परिणाम घोषित किया था। कॉलेज प्रशासन द्वारा दूसरी बार की गई लापरवाही को लेकर अब विवि क्या कदम उठाता है, यह बाद में ही पता चल पाएगा।

गलती सम्बध्दता विभाग की भी है

विक्रम विवि के अकादमिक विभाग के अंतर्गत कॉलेजों को वार्षिक सम्बध्दता शुल्क लेकर प्रमाण पत्र के साथ दी जाती है। ज्ञान विहार महाविद्यालय जैसे मामले में सम्बध्दता विभाग की भी गलती सामने आ रही है। कारण है कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विवि के अधीन चल रहे कॉलेजों में कितने कॉलेजों को सम्बध्दता है और कितने कॉलेजों की सम्बध्दता समाप्त हो चुकी है इसकी जानकारी परीक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में कॉलेजों से परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को बैठा लिया जाता है और बाद में छात्रहित बताकर परिणाम घोषित करने के लिए दबाव बनाया जाता है, जबकि सम्बध्दता विभाग पूर्व में ही सम्बध्दता प्राप्त कॉलेजों की जानकारी परीक्षा विभाग को दे दें तो ऐसे मामले ही नहीं होंगे।

कुलसचिव बोले जांच चल रही है

ज्ञान विहार महाविद्यालय द्वारा बीबीए एवं बीसीए परीक्षा में बिना परीक्षा आवेदन पत्र के छात्रों को शामिल करने के मामले में बैठी समिति के संदर्भ में कुलसचिव डॉ. एस.सी. आर्य से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि कुलपति द्वारा समिति गठित की गई है। जिसके माध्यम से जांच चल रही है। इस मामले में बुधवार तक निराकरण हो जाएगा।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

Patel Motors

Demo Description


Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds