समापन से पूर्व सिंहस्थ कुंभ मेले के तीसरे शाही स्नान में उमड़ा जनसैलाब
अब 2028 में दिखेंगे ये नजारे
उज्जैन 21 मई (इ खबरटुडे)।शनिवार तड़के 3 बजे उज्जैन की क्षिप्रा नदी के दत्त और रामघाट पर नागा साधुओं ने सिंहस्थ 2016 का आखिरी शाही स्नान किया। एक महीने से चल रहा यह मेला इस शाही स्नान के साथ ही आज समाप्त हो जाएगा। आखिरी शाही स्नान के लिए करीब 20 लाख श्रद्धालू उज्जैन पहुंच चुके हैं।
दिन में बढ़ेगी तादाद…
प्रशासन को उम्मीद है कि दिन में श्रद्धालुओं की तादाद काफी ज्यादा हो सकती है। हालांकि इसके लिए सारे अरेंजमेंट्स किए गए हैं।सुबह नौ बजे करीब हल्की सी दिक्कत हुई जब आम लोगों के लिए स्नान की शुरूअात हुई। इससे पहले की हालात बिगड़ते। फौरन एक्शन लिया गया और सब ठीक हो गया।
मेला भले ही आज समाप्त हो रहा हो लेकिन 28 मई तक संतों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा जारी रहेगा। प्रशासन ने इसके लिए व्यवस्था भी की है।इस सिंहस्थ में मध्य प्रदेश सरकार ने रिकार्डतोड़ खर्च किया। माना जा रहा है कि मेले पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च किया गया। इसमें 2500 करोड़ रुपए के स्थायी निर्माण उज्जैन शहर में किए गए थे। करीब 3 करोड़ लोग इस दौरान उज्जैन आए।
वैषाख पूर्णिमा के स्नान के साथ ही शनिवार को उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ समापन हो जाएगा. पहली बार सुबह तीन बजे से उज्जैन में साधुओं का शाही स्नान शुरू हो गया है. शैव और वैष्णव अखाड़े के लिए अलग-अलग घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है.विभिन्न अखाड़ों के नगा साधुओं ने ‘हर हर महादेव’ के घोष के साथ पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान करके इसकी शुरुआत की. इस अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए देश के कई हिस्सों से जन सैलाब उमड़ पड़ा है. उज्जैन की सभी सड़कें श्रद्धालुओं से भरी पड़ी हैं और पवित्र स्नान के उद्देश्य से क्षिप्रा नदी के तट पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची है.
11 बजे से आम श्रद्धालुओं का स्नान
इस बार अखाड़ा परिषद की मीटिंग के बाद शैव और वैष्णव अखाड़ों के लिए अलग-अलग घाट की व्यवस्था की गई है. सुबह 11 बजे तक सभी अखाड़ों के शाही स्नान पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद ये घाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. स्नान पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. दत्त आखाड़ा घाट पर सुबह 7 बजे और राजघाट पर सुबह 11 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा.
जुलूस को लेकर भी बनी सहमति
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की प्रशासन के साथ अमृत स्नान को लेकर गुरुवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय में बैठक हुई. साधु-संतों ने 30 मई तक अखाड़ों को मेला क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का अनुरोध भी किया. बैठक की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्रगिरिजी ने की.