December 25, 2024

समझौता ब्लास्ट केस के जांच अधिकारी पर ‘ब्लैकमेलिंग’ का आरोप, एनआईए से बाहर हुए तीन अफसर

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नई दिल्ली ,20 अगस्त(इ खबरटुडे)। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के तीन अधिकारियों को 26/11 के मुंबई हमलों से जुड़े एक टेरर फंडिंग केस में दिल्ली के एक कारोबारी का नाम शामिल न करने के लिए कथित तौर पर दो करोड़ रुपये मांगने के कारण ट्रांसफर किया गया है। यह मामला 26/11 के मुंबई हमलों का षडयंत्र रचने वाले हाफिज सईद से संबंधित है।

हाफिज सईद की संस्था की जांच
इन अधिकारियों में एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी शामिल हैं जो 2007 के समझौता विस्फोट मामले में मुख्य जांच अधिकारी थे। उनके साथ एनआईए के दो जूनियर अधिकारियों ने कारोबारी के खिलाफ सर्च वॉरंट लेकर छापे मारे थे। सूत्रों ने बताया कि जांच सईद की ओर से चलाई जाने वाली फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से संबंधित है। संसद ने हाल ही में कानून में संशोधन कर एनआईए के अधिकार बढ़ाए थे। कारोबारी के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है जिसके बयान के आधार पर अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है।

आतंकी नेटवर्क तैयार करने का मामला
आतंकवादी सरगना हाफिद सईद की अगुवाई वाली फलाह-ए-इंसानियत के डेप्युटी चीफ शाहिद महमूद और अन्य के खिलाफ दिल्ली और हरियाणा में आतंकवादी नेटवर्क तैयार करने के आरोप में एनआईए ने पिछले वर्ष मामला दर्ज किया था। एनआईए ने इस मामले में शुरुआत में दो लोगों, मोहम्मद सलमान और मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया था। ये दोनों दिल्ली के निवासी थे। बाद में राजस्थान में नागौर का रहने वाला मोहम्मद हुसैन मोलानी भी गिरफ्तार हुआ था। इस वर्ष जुलाई में एनआईए ने संयुक्त अरब अमीरात से मोहम्मद आरिफ गुलाम बशीर धरमपुरिया को प्रत्यर्पित कराने में सफलता हासिल की थी। वह गुजरात में वलसाड का एक कारोबारी है। एनआईए ने अभी तक हाफिज सईद सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की हैं।

शिकायत पर NIA गंभीर
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में शिकायत एक महीना पहले मिली थी। उन्होंने कहा, ‘एनआईए के डीआईजी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में जांच की जा रही है। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि आरोप सही हैं या नहीं। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।’ अधिकारी का कहना था, ‘एनएआईए ऐसी शिकायतों को बहुत गंभीरता से लेती है। शुरुआती कदम के तौर पर अधिकारियों को एनआईए से बाहर ट्रांसफर किया गया है। इसका यह मतलब नहीं है कि आरोप सही हैं। जांच के दौरान ऐसे कदम उठाए जाते हैं। जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है, लेकिन कोई फिरौती नहीं ली गई।’

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