November 15, 2024

सभी प्रकार के श्रेष्ठ कार्य यज्ञ की गिनती में आते है-प्रकाश आचार्य

रतलाम ,21 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। सभी श्रेष्ठ कार्य यज्ञ होते है। दान, गाय की सेवा, देश की सेवा, पशु-पक्षियों, मनुष्य की रक्षा करना सभी प्रकार के श्रेष्ठ कार्य यज्ञ की गिनती में आते है। यज्ञ जन्म से लेकर मरण तक चलता है। पौने दो अरब वर्षो पूर्व से सृष्टि चल रही है। जब तक सृष्टि है तब तक मनुष्य है और तब तक धर्म रहेगा। दुनिया में केवल जो धर्म है वह सनातन धर्म है। परमात्मा द्वïारा दी गई सभी जिसे सभी लोग उपयोग करते है, इसलिए पशु-पक्षियों में भी धर्म है।

उक्त विचार प्रकाश आचार्य (सार्वदेशिक महामंत्री आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली) ने कही। वह त्रिवेणी तट पर श्री सनातन धर्मसभा एवं महारूद्र समिति द्वारा आयोजित 63 वां महारूद्र यज्ञ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मेंं अमृत वचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री आर्य ने यज्ञ का भौतिक, आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व को समझाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राकेश मीणा (पार्षद) ने भी अपने विचार रखे। भगवानदास अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि का परिचय दिया।

अतिथियों का स्वागत समित अध्यक्ष कोमलसिंह राठौड़, उपाध्यक्ष लालचंद टाक, महामंत्री नवनीत सोनी, मुख्य यजमान हरीशचंद्र सोलीवाल, गोपाल जवेरी, तारा देवी सोनी (वरिष्ठ पार्षद), आशा शर्मा, निरंजन सोलीवाल, हरीश पुरोहित, राखी व्यास, कौशल्या बाई, पूनमंचद, विजेन्द्र दुबे, रमण कंठालिया, रमेशजी (मथुरीवाले), बसंता जैन, सूरजमल टाक, पुरूषोत्तम पटेल आदी ने किया। कार्यक्रम का संचालन पुष्पेन्द्र जोशी ने किया। त्रिवेणी तट पर गुरुवार शाम को सनातन धर्म के पूरोधा संत कबीर पर व्याख्यान प्रमुख वक्ता डा. श्रीमती कमला शर्मा द्वïारा दिए जाएगें।

श्रृद्धïालुओं ने दी यज्ञ में आहुतियां
त्रिवेणी तट पर 63 वां महारूद्र यज्ञ मंगलवार को प्रारंभ हुआ। बुधवार को बडी संख्या में त्रिवेणी तट पर पहुंचे श्रृद्धïालुओं ने मुख्य यजमान हरीशचंद्र एवं प्रेमादेवी सोलीवाल के साथ यज्ञ में आहुतियां दी। पण्डितों के मत्रोउच्चारण के साथ यहां हो रहे यज्ञ से पुरा वातावरण शुद्ध होने के साथ ही एक अलग ही छटा बिखेर रहा है। शाम को महाआरती के पश्चात सभी ने प्रसादी ग्रहण की।

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