संविधान में प्रत्येक धर्म के तत्व निहित- संविधान दिवस के कार्यक्रम में प्रो.हाशमी ने कहा
रतलाम,26 नवंबर (इ खबरटुडे)। भारत का संविधान लोक कल्याण के मन्दिर की ओर ले जाता है। इसमें हर धर्म के तत्व निहित है। संविधान में बन्धुत्व और अपनत्व समाहित है। उक्त बात प्रख्यात चिंतक एवं संविधान विशेषज्ञ प्रो.अजहर हाशमी ने संविधान दिवस पर कही।
संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर अधिवक्ता परिषद द्वारा जिला न्यायालय परिसर में स्थित अभिभाषक सभागृह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रो.हाशमी उक्त आयोजन में मुख्य वक्ता के रुप में मौजूद थे।
प्रो. हाशमी ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में 22 शब्द है और पूरे संविधान में अध्याय भी बाईस ही है। संविधान में भारतीय नागरिकों को अधिकार और कत्र्तव्य दिए है। जो इनको छीनने की कोशिश करता है,तो न्यायपालिका रक्षा करती है। न्याय के मामले में भारतीय संविधान बेमिसाल है। प्रो.हाशमी ने ऋ ग्वेद,बाइबिल,गुरु ग्रन्थ साहिब,जैन धर्म,बौध्द धर्म के माध्यम से भारतीय संविधान की व्याख्या की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला न्यायाधीश मृत्युंजय सिंह ने सभी को संविधान दिवस की बधाई दी। उन्होने कहा कि भारतीय संविधान में नागरिकों को अधिकारों के साथ कत्र्तव्य निभाने की सीख दी है। सभी को इसका पालन करना चाहिए। कार्यक्रम में जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष संजय पंवार विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत वीरेन्द्र कुलकर्णी,सौरभ सक्सेना,विजय बक्षी,विस्मय चत्तर इत्यादि ने किया। संचालन महामंत्री सतीश त्रिपाठी ने किया। आभार प्रदर्शन अध्यक्ष किशोर मण्डोरा ने माना। इस अवसर पर बडी संख्या में अभिभाषक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि प्रो. हाशमी ने सभी उपस्थित अभिभाषकों को शत प्रतिशत करने की शपथ भी दिलवाई।