शासन को होगी आयुक्त की शिकायत
निगम सम्मेलन के दुसरे दिन हुई बजट पर चर्चा
रतलाम,3 अप्रैल (इ खबरटुडे)। नगर निगम बजट पर चर्चा के लिए सोमवार को शुरु हुआ सम्मेलन मंगलवार को भी जारी रहा। पहले दिन अधिकांश समय निगम की संपत्तियों को ओने-पौने दामों पर बेचने को लेकर तु-तु, मैं-मैं होती रही थी। दुसरे दिन बजट पर सदस्यों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन के दुसरे दिन भी आयुक्त के गायब रहने पर पार्षदो ने आपत्ती ली और कठोर कार्रवाई की मांग की , जिसके बाद महापौर से निगम आयुक्त की शिकायत करते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राय शासन को कड़ा पत्र लिखने की बात कही।
दुसरे दिन के सम्मेलन की शुरुआत दोपहर 1 बजे हुई। निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने जैसे ही सम्मेलन की कार्रवाई शुरु की, वैसे ही पक्ष के नेता और एमआईसी सदस्य पवन सोमानी ने दुसरे दिन भी सम्मेलन में आयुक्त संजय मेहता के नहीं मौजुद होने पर आपत्ती ली। श्री सोमानी ने कहा कि यह सदन का अपमान है। आयुक्त सवालों के जबाव देने के बजाय छुपकर बैठे है। वहीं अखबारों में गलत बयानबाजी कर निगम के जनप्रतिनिधी और परिषद को बदनाम कर रहे है। श्री सोमानी ने कहा कि आमजनता के बीच इन सब बातों से अच्छा संदेश नहीं जा रहा है, इसलिए निगम आयुक्त के खिलाफ सदन को कड़ी कार्रवाई प्रस्तावित करना चाहिए।
अध्यक्ष ने माना हुआ अपमान
निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने भी माना की आयुक्त संजय मेहता का लगातार दुसरे दिन न आना सदन का अपमान है। उन्होने कड़े शब्दों मे कहा कि आयुक्त के इस रवैये से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है। वहीं शहर की तान लाख जनता में भी सही संदेश नहीं गया है। आज शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। उन्होने गलत बयानबाजी पर भी आपत्ती लेते हुए कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी गलत और भ्रामक बयानबाजी कर सदन और जनता को गुमराह न करें। जो भी बात कहे वह तथ्यपूर्ण और प्रमाणिक होनी चाहिए। अध्यक्ष श्री पोरवाल ने कहा कि आयुक्त का न आना सदन का अपमान है और सदन के सदस्यों की भावना के अनुसार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। अध्यक्ष ने इसके लिए महापौर शेलेन्द्र डागा को अपना जवाब देने के लिए कहा।
शासन को भेजेगें पत्र
महापौर ने आयुक्त के खिलाफ सदन के आक्रोश को देखते हुए कहा कि सदन की भावना के अनुरुप निगम सम्मेलन समाप्त होने के बाद निगम आयुक्त के खिलाफ राय सासन को कड़ा पत्र लिखकर उनकी गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा और उनके खिलाफ नियमानुसार जो भी वैधानिक कार्रवाई हो सकती है, वह करवाई जाएगी।
बाद में शुरु हुई बजट पर चर्चा
आयुक्त के खिलाफ राय शासन को पत्र भेजे जाने के निर्णय के बाद सदन में बजट पर चर्चा शुरु हुई। निगम अध्यक्ष में सदस्यों को बजट पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया। पार्षद कमरुद्दीन कचवाय ने कहा कि पिछले बजट के अधुरे कार्यो को प्राथमिकता से पुरा कराया जाए। कई वार्डो में पिछले बजट में प्रस्तावित कार्य ही शुरु नहीं हो पाए है। वहीं उन्होने पार्षद निधी को सात लाख के बजाय 10 लाख करने का सुझाव दिया। एल्डरमेन मुन्नालाल शर्मा को अध्यक्ष द्वारा अपने सुझान रखने के लिए आमंत्रित करते ही विपक्ष के नेता विमल छिपानी ने अध्यक्ष से उन्हे किसी भी सदस्य के उपर टीका-टिप्पमी नहीं करने के निर्देश देने के लिए कहा, जिस पर उन्हे सिर्फ सुझाव देने के निर्देश अध्यक्ष ने दिए । श्री शर्मा ने बजट की प्रशंसा के पुल बांधते हुए एक रुपए रोज में गरीबों को पानी देने की योजना को आमजनता के हित में बताया। उन्होने कहा कि इससे बस्तियों में पानी को लेकर होने वाले झगड़े समाप्त हो जाएगे। हर घर में नल कनेक्शन होगा और गरीब व्यक्ति भी आत्मविश्वास के साथ पानी ले सकेगा।
मुझे बजट से मतलब नहीं, नाला साफ चाहिए
अपने वार्ड से जा रहे नाले के साफ नहीं होने से नाराज कांग्रेस पार्षद रेहाना वहीद शैरानी ने कहा कि यहां बड़ी-बड़ी बाते हो रही है, लेकिन मेरे वार्ड का एक नाला अभी तक साफ नहीं हो पाया है। उन्होने कहा कि मुझे बजट से कोई लेनाृदेना नहीं, मुझे मेरे वार्ड का नाला साफ चाहिए, क्यों कि जनता मुझे आकर परेशान करती है। इसी तरह खेरुन्नीसा मोटी चाची ेने भी नाले के सफाई का मुद्दा उठाया।
बजट लाभ का कैसे?
पार्षद मनोज दीक्षित ने बजट पर बोलते हुए कहा कि बजट में 93.38 लाख की बचत याने लाभ बताया गया है। लेकिन जब भुगतान न होने पर ठेकेदार निगम के कार्य करने को तैयार नहीं है। कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है, एसे में यह बजट लाभ का कैसे हो सकता है। श्री दीक्षित ने गांधीनगर स्थित अंबेडकर भवन के जीर्णोद्वार के लिए बजट में प्रस्तावित राशि में भी बढोत्तरी किए जाने का सुझाव दिया। विपक्ष के नेता विमल छिपानी, उपनेता यास्मिन शैरानी, राजीव रावत, सहित अन्य पार्षदों ने भी बजट पर अपने सुझाव और प्रतिक्रिया दी।