विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल का निधन,
गुड़गांव 17 नवंबर (इ खबरटुडे)। विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक अशोक सिंघल का मंगलवार दोपहर 2:24 बजे गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है. वह 89 साल के थे और लंबे समय से सांस से संबंधित बीमारी से ग्रसित थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शुक्रवार देर रात अस्पताल में भर्ती किया गया था.
विहिप नेता का ICU में इलाज चल रहा था. हालांकि, रविवार सुबह उनके स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आए थे. उन्होंने अपनी आंखें खोली थीं और कुछ लोगों से मुलाकात भी की थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेताओं ने इस बीच अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली थी.
सिंघल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख प्रकट किया है. उन्होंने इसे व्यक्तिगत हानि बताया है
इंजीनियरिंग कॉलेज से संघ-विहिप का सफर
आगरा में जन्मे सिंघल के पिता एक सरकारी अधिकारी थे. विहिप नेता ने बनरास हिंदू यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट से 1950 में बैचलर की डिग्री ली थी. वह 1942 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे. हालांकि स्नातक के बाद उन्होंने पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया. अपने कार्यकाल में वह दिल्ली और हरियाणा के प्रांत प्रचारक भी रहे.
राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने आक्रामक तेवरों के लिए पहचाने जाते
साल 1980 में अशोक सिंघल को विश्व हिंदू परिषद में संयुक्त महासचिव नियुक्त किया गया. 1984 में वह इसके महासचिव बने और फिर अध्यक्ष बने. अशोक सिंघल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने आक्रामक तेवरों के लिए पहचाने जाते हैं. कट्टर हिंदू नेता होने के अलावा अशोक सिंघल हिंदुस्तानी संगीत के प्रशिक्षित गायक भी थे. उन्होंने पंडित ओमकार नाथ ठाकुर से संगीत की शिक्षा ली थी.
एक महीने से थी सांस संबंधी परेशानी
विहिप की ओर से पूर्व में जारी एक बयान के मुताबिक, सिंघल को एक महीने से ज्यादा वक्त से सांस संबंधी परेशानी हो रही है. इलाहाबाद में स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद सिंघल को विमान से दिल्ली लाया गया और 20 अक्टूबर को मेदांता में भर्ती करवाया गया. जबकि दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी.