वित्त आयोग अध्यक्ष कोठारी और सांसद भूरिया में तकरार
सरकारी कार्यक्रम में भाजपा पर हमले से गुस्साए कोठारी
रतलाम,28 दिसम्बर(इ खबर टुडे )। प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को प्रथम चैक भुगतान को लेकर कालिका माता रंगमंच पर आयोजन बुधवार को चल रहा था। सांसद कांतिलाल भूरिया ने भाषण के दौरान ही भाजपा शासन पर तीखे हमले किए व अपनी पूर्व की सरकार का बखान करने लगे। इसके बाद राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने उनको टोका तो दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। बाद में नाराज होकर भूरिया मंच छोड़कर चले गए। भूरिया का आरोप था कि आयोजन का भाजपाईकरण किया जा रहा है, जब उनको टोका तो वे नाराज हो गए।
दोपहर करीब 1 बजे कालिका माता मंदिर के समीप बने रंगमंच पर आयोजन चल रहा था। आयोजन में भूरिया, कोठारी सहित शहर विधायक चैतन्य काश्यप, सैलाना विधायक संगीता चारेल आदि उपस्थित थे। जब भूरिया के भाषण देने की बारी आई तो शुरू में तो उन्होने सामान्य बात कही, लेकिन अचानक से भूरिया बिजली, महंगाई, नोटबंदी, ग्रामीणों की समस्याओं आदि पर कहना शुरू कर दिया। इस पर जिला पंचायत के सदस्य आलोट के भंवरसिंह परिहार ने दूसरे माइक से भूरिया को टोका व कहा कि ये मंच आरोप-प्रत्यारोप के लिए नहीं है। इससे बेहतर हैं कि राजनीति दूसरे मंच पर हो। यहां समाज के कमजोर वर्ग की बात की जाए। इस पर भूरिया नाराज हो गए व प्रतिप्रश्न कर लिया कि एक सांसद को रोकने वाले ये कोन होते है।
इसलिए हुई तीखी बहस
जब परिहार को भूरिया ने तुम रोकने वाले कोन होते हो कहा तो कोठारी अपनी कुर्सी से खडे़ हुए व भूरिया को समझाने का प्रयास करने लगे। इसके बाद भूरिया ने कोठारी से भी बहस कर ली। कोठारी को भूरिया ने कहा कि वे संसद में इस मामले को उठाएंगे। जब से वे निर्वाचित हुए है उनको योजनाबद्ध तरीके से रोका जा रहा है। वे चुप नहीं बैठेंगे। इस मामले को संसद तक लेकर जाएंगे। सरकारी आयोजन का भाजपाईकरण किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद लंबी बहस हुई व भूरिया आयोजन छोड़कर चले गए।
पूर्व में भी हुई थी बहस
सांसद भूरिया की कुछ माह पूर्व भी शहर विधायक चैतन्य काश्यप व अधिकारियों से बहस हुई थी। तब सर्किट हाउस में एक सरकारी बैठक की सूचना समय पर नहीं मिलने की बात को लेकर भूरिया नाराज हो गए थे व रास्ता रोककर हंगामेदार तरीके से विरोध दर्ज करवाया था। इसके पूर्व तत्कालीन कलेक्टर राजीव दूबे के साथ बैठक में समय पर कलेक्टर के नहीं आने पर भी जमकर विवाद हुआ था।
ये गलत परंपरा है
भूरिया का सरकारी आयोजन में इस तरह व्यक्तिगत टिप्पणी करना गलत राजनीति की शुरुआत है। ये अच्छी परंपरा ही नही है। ये शासन का कार्यक्रम था, एेसा लगता है भूरिया ने जानकर एेसा किया है।
– हिम्मत कोठारी, अध्यक्ष, राज्य वित्त आयोग
संसद में उठाउंगा इस मामले को
एक संसद को बोलने से रोकना उसके अधिकार का हनन है। जब से निर्वाचित हुआ हूं, कुछ लोगो को हजम नहीं हो पा रहा हूं। लेकिन आमजन की आवाज लगातार उठाता रहुंगा।
– कांतिलाल भूरिया, सांसद