वन अधिकार हक प्रमाण पत्र संबंधी दावे प्राप्ति का विशेष अभियान 30 अगस्त तक
रतलाम 12 अगस्त(इ खबरटुडे)। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम 6 के तहत वन भूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार की मान्यता प्रदान करने की कार्यवाही जिले में वर्ष 2008 से संचालित की जा रही है। जिले में 30 अगस्त तक एक विशेष अभियान चलाकर वन अधिकार पत्र संबंधी दावे प्राप्त किए जाएंगे। कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए एवं लक्ष्यपूर्ति हेतु आज कलेक्टर सभाकक्ष में वन विभाग,आदिम जाति कल्याण विभाग,राजस्व विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिला पंचायत अध्यक्षा, एसडीएम सैलाना के.सी.जैन, एसडीएम रतलाम सुनील झा एवं राजस्व,वन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन एवं वन सीमा से लगे 5 किलोमीटर के ग्रामों को विशेष केन्द्रीत करते अधिकारी कर्मचारियों के दल गठित कर नवीन दावे प्राप्त कर सभी पात्र वन निवासियों को वन अधिकार पत्र दिए जाने संबंधी प्रक्रिया से अवगत कराया गया। सहायक आयुक्त श्रीमती मधु गुप्ता ने बताया कि विशेष अभियान का प्रारंभ 19 अगस्त से होगा। इसके अन्तर्गत जिले की वन सीमा से लगे 5 किलोमीटर के ग्रामों में राजस्व,पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के मैदानी अधिकारी कर्मचारियों के ग्रामवार गठित दलों द्वारा विशेष अभियान अन्तर्गत निर्धारित तिथि को ग्राम में उपस्थित रहकर सभी पात्र वन निवासियों से वन अधिकार के दावे, ग्राम सभा को प्रस्तुत कराने की कार्यवाही की जाएगी।
एक दिवसीय प्रशिक्षण में वन मंडलाधिकारी द्वारा सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया कि गांव में संबंधित दल के पहुंचने की तिथि से कम से कम तीन दिन पूर्व मुनादी की जाए। जिस दिन दल ग्राम में पहुंचेगा उस दिन एवं तारीख को ग्राम सभा का आयोजन किया जाए। ग्राम सभा ग्राम पंचायतवार न की जाकर प्रत्येक ग्रामवार आयोजित की जाए जिससे कि प्रत्येक ग्राम के लोगों को वनाधिकार हक प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने संबंधी शासन की मंशा को पूर्ण किया जा सके।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मधु गुप्ता ने प्रशिक्षण में बताया कि संबंधित ग्रामों में सभी पात्र हितग्राहियों के दावे प्राप्त होने के पश्चात गठित दल को प्रमाणित करना होगा कि अब ग्राम में कोई पात्र हितग्राही दावा प्रस्तुत करने वाला नहीं है। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 2572 हितग्राहियों को हक प्रमाण पत्र का वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में जिले में 89 दावे लम्बित है जिनके निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।
दावा निरस्त होने पर 60 दिन में अपील
ग्राम स्तरीय समिति/ग्राम सभा द्वारा किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए दावे को निरस्त किए जाने पर संबंधित व्यक्ति द्वारा 60 दिनों में उपखण्ड स्तरीय समिति के समक्ष अपील की जा सकती है। इसी प्रकार क्रमश: जिला स्तरीय समिति एवं राज्य स्तरीय समिति के समक्ष भी 60 दिन की समयावधि में अपील की जा सकती है। समितियों के लिए अनिवार्य है कि वे जिस भी व्यक्ति के दावे को अमान्य अथवा निरस्त करते हैं उसे अनिवार्य रूप से लिखित में सूचित किया जाना सुनिश्चित करें।
चार हैक्टेयर से अधिक के भूस्वामी का दावा अमान्य होगा
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम अन्तर्गत हक प्रमाण पत्र हेतु दावा करने वाले चार हैक्टेयर से अधिक भूस्वामियों का दावा अमान्य माना जाएगा। दावा करने के पूर्व हक प्रमाण पत्र संबंधित क्षेत्र के पटवारी की रिपोर्ट लगाना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संबंधित दावेदार पात्र है अथवा नहीं। समस्त प्रकार के दावाकर्ताओं को नियमानुसार 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वन भूमि पर काबिज होना चाहिए।