December 25, 2024

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का 6 जिलों में कम्प्यूटरीकरण

भोपाल-इंदौर के नगरीय निकाय क्षेत्र में कोर पीडीएस

भोपाल,22 जुलाई (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाये जाने के उद्देश्य से कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। प्रथम चरण में 4 जिलों खण्डवा, बुरहानपुर, होशंगाबाद एवं हरदा के साथ भोपाल एवं इंदौर के नगरीय क्षेत्रों में प्रायोगिक तौर पर कम्प्यूटर आधारित लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रारंभ की गई है।

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का विस्तार करते हुए मार्च 2014 से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नवीन व्यवस्था लागू की गई है। इस प्रणाली में पात्र परिवारों को दो श्रेणी देकर दायरे में लाया गया है। इनमें अंत्योदय अन्न योजना परिवार एवं प्राथमिकता परिवार शामिल हैं।

कम्प्यूटर आधारित लक्षित प्रणाली में 4 जिलों में आधार कार्ड का एनरोलमेन्ट का कार्य 90 प्रतिशत से अधिक किया जा चुका है। साथ ही 6 जिलों में प्रत्येक व्यक्ति की समग्र आई.डी. के साथ उनके आधार नम्बर की प्रविष्टि की जा रही है। कम्प्यूटरीकृत प्रणाली में प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर पीओएस मशीन उपलब्ध करवाई गई है जो हितग्राही आधार नम्बर के साथ उंगलियों के निशान की (बायोमेट्रिक) जानकारी पढ़ सके। किसी उपभोक्ता की उंगली मशीन पर लगने से उस व्यक्ति के परिवार की राशन पात्रता प्रदर्शित होगी। संबंधित उचित मूल्य दुकान से सेल्समेन द्वारा पूर्णत: अथवा आंशिक सामग्री प्रदाय किये जाने पर उपभोक्ताओं को एक रसीद भी जारी की जायेगी।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा इंदौर एवं भोपाल के नगरीय निकायों में कोर पीडीएस व्यवस्था लागू किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था में उपभोक्ता को निर्धारित उचित मूल्य दुकान विशेष से सामग्री प्राप्त करने के स्थान पर उपभोक्ता को यह सुविधा दी जायेगी कि वे किसी भी उचित मूल्य दुकान से पात्रतानुसार खाद्यान्न प्राप्त कर सके। इस व्यवस्था को लागू किये जाने का उद्देश्य उचित मूल्य दुकानों के बीच में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेगी।

रियायती दर पर आयोडीनयुक्त नमक

प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पूर्व में केवल आदिवासी बहुल विकास खण्डों के समस्त राशन कार्डधारियों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रतिमाह आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध करवाया जा रहा था। इस व्यवस्था को विस्तार देते हुए जून 2013 में व्यापक रूप दिया गया है। जून 2013 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश के समस्त एएवाय एवं बीपीएल राशनकार्ड धारी परिवारों को उचित मूल्य दुकान के माध्यम से रियायती दर पर आयोडीन नमक उपलब्ध करवाया जा रहा है। पिछले वर्ष 2013-14 में आयोडीनयुक्त नमक वितरण के लिये बजट में 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इस वर्ष इसे बढ़ाकर 96 करोड़ रुपये किया गया है।

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