मोहल्ले के बच्चों ने रुकवाई नाबालिग की शादी
इंदौर27 नवम्बर(इ खबरटुडे)।शादी की सही उम्र बच्चे भी समझने लगे हैं। मोहल्ले में अपनी दोस्त की शादी की खबर सुनी तो बच्चों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बच्चों की शिकायत के बाद अफसर मौके पर पहुंचे और बाल विवाह रुकवाया। शादी रोकने में टीम को करीब पांच-छह घंटे लग गए।
7 साल की नौंवी में पढ़ने वाली छात्रा की शादी होने वाली थी
गुरुवार को नंदानगर के पास जनता क्वार्टर में महिला सशक्तीकरण और चाइल्ड लाइन की टीम ने बाल विवाह रुकवाया। इस बार बाल विवाह रोकना इसलिए खास था क्योंकि शिकायत करने वाले बच्चे थे। यहां 17 साल की नौंवी में पढ़ने वाली छात्रा की शादी होने वाली थी। शादी 27 नवंबर को उज्जैन में होना तय हुआ था। टीम जैसे ही लड़की के घर पहुंची, परिवार वाले हुज्जत करने लगे।
लड़की को बाल विवाह के नुकसान और कायदे समझाए गए
वे लड़की के दस्तावेज दिखाने को तैयार नहीं थे। नाबालिग दुल्हन भी शादी को लेकर अड़ने लगी। वह खुद को बालिग बता रही थी। जब आंगनवाड़ी और स्कूल से रिकॉर्ड निकलवाया तो लड़की की उम्र 17 साल होना पाया गया। इसके बाद परिवार और लड़की को बाल विवाह के नुकसान और कायदे समझाए गए। चाइल्ड लाइन समन्वयक संतोष कुमार पटेल ने बताया कि समझाइश के बाद माता-पिता ने बेटी की शादी नहीं करने का शपथ-पत्र दिया।
हक के लिए लड़ रहे बच्चे
दरअसल चाइल्ड लाइन ने 8 बस्तियों में चाइल्ड फ्रेंडली सोसायटी बनाई है। इसमें 20-20 बच्चों के समूह हैं। ये बच्चे बाल अधिकारों के लिए लड़ते हैं। बस्ती व मोहल्ले के बच्चों को कोई भी परेशानी होने पर वे इस समूह को बताते हैं। वे चाइल्ड लाइन के जरिये बच्चे की मदद करते हैं। चाइल्ड लाइन के मुताबिक अगर किसी भी कॉलोनी या मोहल्ले में बच्चे या अभिभावक ऐसी सोसायटी बनाना चाहते हैं तो 1098 पर कॉल किया जा सकता है