मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी पुर्नजीवन एवं जल संरक्षण का संदेश दे रही: जलज नीर सामाजिक संस्था
रतलाम,25 सितम्बर (इ खबरटुडे)। जलज नीर सामाजिक संस्था द्वारा नदी एवं जल संरक्षण हेतु विगत दो वर्षो सें जल प्रदुषण एवं नदी पुर्नजीवन पर कार्य किया जा रहा है। नगर में गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान मूर्ति के साथ पुजन सामग्री जैसे, फुल मालाएॅ, नारियल, अगरबत्ती, एवं हवन सामग्री, पुरानी तस्वीरें को भी विसर्जन करने की परंपरा है। जो कि पूर्व में चली आ रही परंपराओं के आधार पर सही है लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सामाजिक नासमझी के कारण मालाएॅ एवं अन्य पुजन सामग्री को पाॅलिथीन सहित ही बहते जल में प्रवाहित कर दिया जाता हैै। जिससें जल प्रदुषण के साथ ही शारिरीक बीमारियाॅ होने का अंदेशा बना रहता है।
जल प्रदुषण को रोकने एवं नदियों का जीवन बचाने के लिए संस्था द्वारा विसर्जन के समय उपस्थित आमजनों को परामर्श दिये गये एवं सुझाव लिये गये जिसमें विसर्जन के दौरान आ रही समस्याओं के बारे में लोगों द्वारा बताया गया कि पानी प्रवाहमान तो है परंतु गहराई कम होने से मूर्तियाॅ पूर्ण रूप से विसर्जित न होकर पानी के ऊपर तैरती रहती है। साथ ही पुष्प माला व अन्य सामग्री को विसर्जित करने के लिए अलग से विसर्जन कुण्ड एवं स्थल का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि बहते निर्मल जल के बजाए उसमें विसर्जित किया जा सकें।
प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्लास्टर आॅफ पैरिस से बनी मूर्तियों के स्थान पर मिट्टी के गणेश मूर्ति का निर्माण करने हेतु आग्रह किया गया था बहुत सी सामाजिक संस्थाओं द्वारा इस पहल पर सराहनीय सहयोग दिया गया व उन्हें मिट्टी से बनी प्रतिमाओं को विसर्जित करने में किसी प्रकार की कठिनाई नही आई। परंतु पीओपी से बनी मुर्तियों जिन्हें केमिकल युक्त कलरों से सुसज्जित किया जाता है जिससें विसर्जन के दौरान मूर्तियों से जल प्रदुषण की संभावना भी बढी जो कि वर्तमान में दृष्टिगत है।
आगामी दिनों में श्राद्ध पक्ष एवं नवरात्र के त्योहार आ रहें है जिसमें श्राद्ध पक्ष की सामग्री विसर्जित की जाती है साथ नवरात्र में माताजी की मूर्तियों को विसर्जन भी उन्ही स्थानों पर किया जाता है। संस्थान अध्यक्ष रिंकी शर्मा एवं उनके सहयोगी संस्था सदस्यों द्वारा जामड नदी में गणेश विसर्जन करने आए लोगों को विसर्जन में सहयोग प्रदान करने के साथ समझाईश देते हुए उन्हें बताया कि हमारा दायित्व है कि जल को प्रदुषित होने से बचाया जाए इसके लिए केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नही है वरन् हम सब की भी सामाजिक जिम्मेदारी है कि आनेवाली पीढी को संदेश दिया जा सकें िकइस प्रकार के विसर्जन हेतु विसर्जन कुण्ड का निर्माण करवाया जाए एवं कुण्ड में मूर्तियों का विसर्जन किया जा सकें। जिससे नदीयों में होने वाला प्रदुषण को भी कम किया जा सकेगा। जिससें नदियाॅ बच सकेगी और बहने वाला जल निर्मल रूप प्र्रवाहित होता रहेगा।
इस अवसर पर म.प्र.जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक शिवशंकर शर्मा,रोहित शर्मा,श्रीमती वैदेही कोठारी,सृष्टि समाज सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश टाॅक, सीएमसीएलडीपी के परामर्शदाता एवं विधार्थी, विकासखण्ड समन्वयक सैलाना रतन चरपोटा, मुस्कान शर्मा, दुर्गा शर्मा, भीम सिंह तंवर, ममता चरपोटा, रघुवीर सिंह सिसोदिया, सहित नवोदित बैरागी राहुल चौहान,तरुण पंचाल,दृश्य वेलफेयर संस्था, बिले सोशल वेलफेयर सोसायटी, टाॅप समाज कल्याण समाज परिषद्, श्री शक्ति सर्वशिक्षा संवर्धन समिति के सदस्य एवं नगर विकास प्रस्फुटन समिति, एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।