भारत के मौसम बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद का हाल देख पाकिस्तान को लगी मिर्ची
नई दिल्ली,9 मई (इ खबरटुडे)। भारतीय मौसम विभाग के मौसम रिपोर्ट और अनुमान में पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद आदि कश्मीर के क्षेत्रों को भी शामिल किए जाने पर पाकिस्तान बिलबिला गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगिट के मौसम का हाल बताने वाली रिपोर्ट देने के भारत के कदम को पाकिस्तान ने शुक्रवार को अस्वीकार कर दिया।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि भारत द्वारा पिछले साल जारी किए गए कथित ‘राजनीतिक नक्शों’ की तरह ही उसका यह कदम भी कानूनन निरर्थक है। बता दें कि सरकारी प्रसारणकर्ता दूरदर्शन तथा आकाशवाणी ने शुक्रवार से अपने प्राइम टाइम समाचार बुलेटिन में पीओके के इन क्षेत्रों के मौसम का हाल बताना शुरू कर दिया है। इधर, प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के लिए भी पूर्वानुमान जारी करना प्रारंभ किया है जो अभी पाकिस्तान के कब्जे वाला इलाका है । इस संबंध में पूर्वानुमान जम्मू कश्मीर मौसम विज्ञान उप मंडल के तहत 5 मई से जारी किया जा रहा है।
वहीं, आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र ने कहा कि वे पिछले वर्ष अगस्त में जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद पीओके के तहत इन क्षेत्रों के लिये दैनिक बुलेटिन में उल्लेख करते रहे हैं । अधिकारियों ने कहा कि अब वे इसका उल्लेख विशिष्ट तौर पर जम्मू कश्मीर उप मंडल के तहत कर रहे हैं । पाक के कब्जे वाले कश्मीर स्थित इन शहरों का जिक्र अब उत्तर पश्चिम डिविजन के सम्पूर्ण पूर्वानुमान में हो रहा है ।
उत्तर पश्चिम डिविजन के तहत नौ उप मंडल आते हैं जिसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-चंडीगढ़-हरियाणा, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश , पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान शामिल हैं । इस घटनाक्रम का महत्व ऐसे समय में काफी बढ़ जाता है जब भारत ने हाल ही एक बार फिर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है। इसमें गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद शामिल है । इन शहरों के लिये मौसम पूर्वानुमान जारी करना तब शुरू किया गया है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगिट बाल्टिस्तान में चुनाव की अनुमति दी थी । भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी ।