बोलीवुड: 80% नशेलची,कुएं में भांग घुली है
-पंडित मुस्तफा आरिफ
आने वाले सप्ताह में संभवतः भारत में कोविड 19 संक्रमितों की संख्या 50 लाख के पार हो जाएगी। जैसे जैसे संक्रमितों की संख्या बङ रहीं हैं, बिमारी के उन्मूलन के लिए शासन प्रशासन की गंभीरता कम होती जा रहीं हैं। मार्च से लेकर अब तक यहीं प्रयास है कि किसी न किसी तरह जनता का ध्यान बीमारी के रोकथाम में हो रहीं असफलताओं से हटाकर ऐसे मुद्दों में उलझाया जाए जिससे जनता उसी में उलझ कर रह जाएं। शुरूआत तबलीगी जमात से हुई और अब सुशांत सिंह राजपूत की आत्म हत्या हुई या हत्या इस बहस में देश उलझा हुआ है। इसी खोजबीन में ड्रग पेडलर्स का रैकेट उजागर हुुआ, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की जांच पड़ताल ने एजेंसी के साथ मीडिया ने जनता को भी व्यस्त रखा। अभिनेत्री रिया शिकंजों में कैद है। उसने 25 नशेलची अभिनेताओं के नाम जांच एजेंसी को दिये हैं, उसके अनुसार 80 प्रतिशत बोलीवुड नशेलची हैं। अब अभिनेत्री कंगना राणौत का मामला तूल पर है। और जैसे ही मामला ठंडा होगा आइपीएल मैंच चालू हो जाएंगे। शासन जनता से कहेगी लगे रहो मुन्ना भाई।।।
लॉकडाउन से लेकर आज तक राजनीति ने अपना रंग बताना नहीं छोड़ा है। पहले तबलीगियों ने खूब गालियां भक्तों से खाई, मुंबई हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मामला अब शांत है, अन्यथा कोरोना फैलाने के लिए वो ही जिम्मेदार माने जा रहै थे। कोरोना काल अपराधियों का स्वर्ण काल माना जाएगा विशेषकर बलात्कार के क्षेत्र में। बात 8 सितम्बर 2020 की हैं उस दिन ने मुझे बहुत दुखी किया, जब अल सुबह समाचार माध्यमों में ख़बर थी कि उत्तर प्रदेश में तीन अलग-अलग स्थानों पर बलात्कार की घटनाएं हुई और तीनों मे तीन साल की बच्चीयों का बलात्कार कर मार डाला गया। उस दिन का समापन दिल्ली की दिल दहला देने वाली घटना से हुआ, जिसमें एक 90 साल की अम्मा के साथ युवको ने सामुहिक बलात्कार किया और उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया। देश का पूरा मिडिया, राजनेता, शासन, प्रशासन अविचलित है। बलात्कार और हत्या के जितने समाचार दिखते हैं, उसे बिना पढ़े ही कह सकते हैं, ये उत्तर प्रदेश का हैं, वो उत्तर प्रदेश का ही निकलेगा। बलात्कार घटना में आक्रोश या प्रतिक्रिया तब होती है जब उसमें से पीड़ित पक्ष हिंदू या मुसलमान हो। अन्यथा भक्त, नेता, चमचे सब कान में रूई डालकर बैठ जाते हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। दूध मुंही बच्ची से लेकर 90 वर्ष की बुढी अम्मा तक सुरक्षित नहीं हैं। और हम रिया कंगना सुशांत खेलने में व्यस्त हैं।।।
पिछले लगभग तीन महीने से अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्मा हत्या के मामले को सुलझाने में जनता, मीडिया, शासन, प्रशासन सब व्यस्त हैं। इतने व्यस्त और चिंतित तो हम 5 लाख किसानों की आत्म हत्या पर भी नहीं हुए। सीबीआई और ईडी की खोजबीन प्रगति पर है। ईडी की पूछताछ से अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती से सुशांत सिंह के ईष्ट मित्रों से जुङा नशा यानि ड्रग के उपयोग का मामला सामने आया। लगभग एक सप्ताह चली जांच के बार रिया चक्रवर्ती जेल में हैं, उसके साथ उसके भाई शौविक सहित उसके और साथी पकङे गयें हैं। मोटे तौर पर ये कहा जा सकता है कि सुशांत सिंह राजपूत सहित सभी नशे के सेवन में लिप्त थें। मुंबई जैसे महानगरों में ऐसे कईं ठिकाने हैं, जहां बेचने वाले से लेकर उपयोग करने वालो में रिया चक्रवर्ती जैसी बहुत छोटी मछलियों से लेकर मगरमच्छ तक लिप्त हैं। लेकिन क्षेत्रवाद और बोलीवुड की राजनीति में फंसी रिया पर गाज गिरी है। अभिनेत्री कंगना राणौत ने दावा किया है कि बोलीवुड पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में हैं। उनके इस दावे के बीच 2016 में उनके और अभिनेता अध्ययन सुमन को लेकर हुई बातचीत उजागर हुईं, जिसमें उन्होंने नशे के सेवन के लिए उन्हें आमंत्रित किया था। अब स्वयं कंगना राणौत भी ड्रग पेडलर्स से संबद्ध होने के आरोप से घिरी है और उनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज हुआ हैं, जांच चल रही है।।।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्म हत्या के बाद से ही सारा मामला मुंबई पुलिस के अधीन था, पुलिस अपना काम कर रहीं थीं, इसी बीच उनके पिता ने बिहार के किसी थाने में उनकी हत्या का प्रकरण दर्ज करा दिया, कायदे से ऐसा प्रकरण ज़ीरो पर दर्ज़ कर मुंबई पुलिस को सोंप देना चाहिए था। लेकिन ये तब संभव था जब महाराष्ट्र में भी भाजपा की सरकार होती जो बिहार के सुशासन बाबू से सामंजस्य बैठा कर संयुक्त रूप से कार्यवाही करती। ऐसा नहीं होने के कारण सुशासन बाबू ने केंद्र से बातचीत कर मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया, और इसे अब बिहार के चुनाव का मुद्दा बना लिया गया, भाजपा ने स्टीकर और टोपी पर सुशांत का फोटो लगा कर कहा हम तुम्हें न्याय दिलाएंगे। यानि कि मुंबई में खा कमा कर प्रतिष्ठा पाने वाले अभिनेता को चुनाव के मद्देनजर बिहारी बना दिया गया। अब रिया चक्रवर्ती भी तो किसी न किसी राज्य से मुंबई आई है, वो बंगाल की है और सेना के रिटायर अधिकारी की बेटी है। बहुत समय तक चुप्पी के बाद अब कांग्रेस के बंगाल के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी मुखर हुए है, कह रहैं कि रिया चक्रवर्ती को बंगाली होने की सजा मिल रहीं हैं। हालांकि कंगना राणौत के साथ वाकयुद्ध अभी थमा हुआ है, हालांकि बर्दाश्त करने की प्रवृत्ति शिव सैनिकों की नहीं है, इसका ताजा उदाहरण नवी मुंबई के एक बुजुर्ग हैं उन्होंने व्हाट्सॢएप पर उद्धव ठाकरे से संबंधित कार्टून फारवर्ड कर दिया और शिव सैनिकों के गुस्से के शिकार हो गयें।।।
उधर सुशांत सिंह राजपूत का बचाव करते करते ड्रग पेडलर्स के मामले को लेकर अभिनेत्री कंगना राणौत और शिव सेना में ठनी हुई हैं। हिमाचल प्रदेश उनका गृह राज्य हैं वो अब मुंबई लौट आयीं हैं व्हाय कटेगरी की सुरक्षा के साथ। ये सुरक्षा उन्हे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से केंद्रीय गृह मंत्री ने मुहैया कराई है, मुख्यमंत्री का कहना है कि हिमाचल की बेटी की रक्षा करना उनका धर्म हैं। शिव सेना और उनके बीच हुए अशिष्ट वाक युद्ध की परिणति के फलस्वरूप उनका कार्यालय मणिकर्णिका तोङ दिया गया है। उन्होंने ने कहा था मैं मुंबई पहुंच रहीं हूँ किसके बाप की हिम्मत है मुझे रोके, देखती हूँ कौन क्या उखाड़ता है? उनके मुंबई पहुचने से पूर्व मुंबई महानगर निगम ने उनके कार्यालय को अवेध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया है। कंगना का संघर्ष जारी है, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री कोशियारी से मिलने वाली है। दबंग महिला हैं उनके ज्योतिष पंडित पांडे के अनुसार उनके स्टार प्रबल है और राजयोग की संभावना हैं। अंत में बस यहीं कहा जा सकता है कि राजनीति प्रधान हमारे देश में हम बिहारी बंगाली हिमाचली पहले हैं, और भारती तो हम हमारी आवश्यकता व सुविधा के अनुसार हैं । इससे भी बङकर कोरोना संक्रमण, बलात्कार, हत्या जन समस्या न तो प्राथमिकता हैं और न जन सामान्य जागृत हैं। जब तक जनता जागरूक नहीं तब तक वो खिलौना ही बनी रहेगे और शातिर खिलाड़ी नेता उसके साथ खिलवाड़ करते रहेंगे।