बुराईयों से बचाने में रामबाण है नवकार महामंत्र – मुनिराजश्री
रतलाम,09अगस्त(इ खबरटुडे)।आराधनाएं बहुत होती हैं, लेकिन नवकार आराधना में आत्मा और विश्व के कल्याण की भावना छुपी है । इसके माध्यम से हर आराधक की भावना होती है कि विश्व में शांति और अहिंसा का वास हो । नवकार के माध्यम से आत्मशक्ति को जागृत कर अहंकार से मुक्त हुआ जा सकता है । बुराईयों से बचाने में नवकार महामंर्त रामबाण है ।
यह बात मुनिराजश्री चारिर्तरत्न विजयजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में आशीर्वचन प्रदान करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में जितने भी मंत्र हैं, उनमें नवकार महामंत्र सर्वश्रेष्ठ है । यह महामंत्र शाश्वत है । जीवन के विकारों का उन्मूलन इस महामंत्र से ही हो सकता है । यह महामंत्र जीवन में संशय के क्षणों में भटकाव से बचाता है । व्यक्ति को स्वयं के रुप में लाने की भी यह अचूक औषधि है । मानव दुनिया में सुख ढूंढता है, लेकिन नवकार महामंत्र का संदेश है कि सुख स्वयं में ही निहित है ।
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि मंत्र का तात्पर्य ही मन का रक्षण करने वाला होता है । नवकार वह महामंत्र है जिससे दुनिया के सारे संकटों से बचा जा सकता है । नवकार से आत्मा का स्वरुप सिद्ध होता है । नवकार आराधना करने वालों को समय, स्थान और संख्या का विशेष ध्यान रखना चाहिए । अनुशासन में रहकर की गई साधना ही फलदायी होती है । नवकार जिसके मन में होता है, उसका कुछ नहीं बिगडता है । उन्होंने कहा समर्पण से किए गए कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाते, इसलिए नवकार आराधना समर्पित होकर करना चाहिए । नवकार यदि जीवन में आ गया तो सर्वकल्याण कर देगा ।
धर्मसभा में चातुर्मास आयोजक एवं विधायक चेतन्य काश्यप परिवार की ओर से मातुश्री तेजकुंवरबाई काश्यप एवं नीता काश्यप ने तपस्वी मनोरमा भण्डारी का बहुमान किया । दादा गुरुदेव की आरती का लाभ भीखालाल स्वरुपचंद संघवी (थरादवाले) ने लिया। राष्ट्रसन्तश्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा.के दर्शन-वन्दन के लिए कई अनुयायी जयन्तसेन धाम आ रहे हैं । मंगलवार दोपहर कर सलाहकार परिषद् ने चातुर्मास आयोजक परिवार के सिद्धार्थ काश्यप का अभिनन्दन किया । इससे पूर्व लायन्स क्लब के सदस्यों ने भी आचार्यश्री के दर्शन-वन्दन कर आशीर्वाद लिया।