बुनियादी स्तर पर सुधार के बगैर गुणवत्ता सुधार मुश्किल – कलेक्टर
आड़ापथ और उमर में देखा स्कूलों का हाल
रतलाम 22 फरवरी(इ खबर टुडे )। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार के लिये किये जा रहे प्रयासों के अंतर्गत सुधार पोर्टल में की गई प्रविष्टियों अनुरूप शालाओं का हाल जानने पहुॅचे कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर को बाजना विकासखण्ड के ग्राम आड़ापथ और उमर में अपेक्षाकृत परिणाम प्राप्त नहीं हुए। उन्होने सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक डाॅ. राजेन्द्र कुमार सक्सेना को मौके पर ही कहा कि बुनियादी स्तर पर सुधार के बगैर शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार कैसे लाओंगे। कलेक्टर ने शाला सिद्धी और सुधार पोर्टल अंतर्गत स्वयं स्कूलों द्वारा तैयार की गई जानकारी के आधार पर षिक्षकों से जानकारी चाही जिसका वे समुचित प्रकार से पालन करते हुए नहीं पाये गये। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने कक्षाओं में जाकर छात्र-छात्राओं से षिक्षकों के द्वारा अध्यापन कार्य के दौरान सिखाये गये विभिन्न सबक के बारे में जानना चाहा। उन्होने पाया कि विद्यार्थियों को बुनियादी जानकारी ही नहीं है। आठवी कक्षा के विद्यार्थी न तो मूलधन के बारे में जानते हैं और न ही ब्याज का अर्थ समझते है। वे मध्यप्रदेश के बारे में तो जानते हैं किन्तु कलेक्टर के द्वारा अन्य प्रदेशो के नाम पुछने पर 45 विद्यार्थियों की कक्षा में बड़ी मुश्किल से एक विद्यार्थी मिजोरम का नाम बता पाता है। विद्यार्थियों को रतलाम जिले के पड़ोसी जिलो का ही पता नहीं हैं। कलेक्टर ने सर्व षिक्षा अभियान के जिला समन्वयक को पूर्व में दिये गये निर्देशो का कड़ाई से पालन करते हुए प्रत्येक कक्षा मंे प्रदेश एवं देश के नक्षे लगाये जाने एवं उसमें अंकित जानकारियों से अवगत कराने के निर्देष दिये। उन्होने षिक्षकों से अपेक्षा की कि वे विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर के उदाहरणों को दृष्टिगत रखते हुए विषय वस्तु के प्रत्येक बिन्दु का अर्थ एवं आवधारणा को स्पष्ट करने को कहा जिससे की विद्यार्थियों को मूलभूत बाते समझ में आ सकें। कलेक्टर ने कहा कि यदि विद्यार्थियों के सामने अर्थ और आवधारण स्पष्ट होगी तो उन्हें रटने की आवष्यकता ही नहीं पड़ेगी।
हो रिया हैं क्या माड़साब
कलेक्टर ने शासकीय माध्यमिक विद्यालय आड़ापथ में बुनियादी सुविधाआंे की पड़ताल करते हुए बालिका शौचालय का अवलोकन भी किया। उन्होने अवलोकन उपरांत पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होते देख प्रधानाध्यापक रजनीकांत परिहार से कहा कि शौचालय का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है। प्रधानाध्यापक द्वारा जोर देकर तीन बार कहा गया कि ‘‘हो रिया हैं साब’’। कलेक्टर ने उन्हें अपने पास बुलाकर शौचालय में देखने के निर्देष देने के बाद पुनः पुछा कि ‘‘हो रिया हैं क्या माड़साब’’।
सरपंच, सचिव के विरूद्ध धारा 40 और विभागीय जाॅच
कलेक्टर ने माध्यमिक शाला के नवीन अतिरिक्त कक्ष जिसमें कक्षा आठ संचालित की जा रही है का अवलोकन करने पर पाया कि कक्ष की फर्ष, बरामदा उखड़ा हुआ हैं और छत भी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से निर्मित नहीं की गई है। शिक्षकों के द्वारा अवगत कराने पर कि अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कार्य सरपंच, सचिव के द्वारा किया गया है। कलेक्टर ने सरपंच, सचिव को मौके पर तलब किया। सचिव हरिराम पोरवाल ने कहा कि देखरेख के अभाव में कार्य में गड़बड़ हुई हैं वह दुरूस्त करा देगा। कलेक्टर ने कार्य में जानबुझकर बरती गई लापरवाही और गड़बड़ी के लिये तत्काल सचिव के विरूद्ध विभागीय जाॅच करने और सरपंच प्रफुल्ल डामर के विरूद्ध धारा 40 में कार्यवाही करने के निर्देष दिये है। उन्होने एक माह में सम्पूर्ण जाॅच पूरी कर कार्यवाही करने को कहा है।
कलेक्टर ने शाला परिसर में ही दो अन्य अतिरिक्त कक्षों के अपूर्ण होकर अनुपयोगी रहते हुए शासन को नुकसान पहुॅचाने के जिम्मेदार तत्कालिन सचिव मानसिंह राजावत एवं तत्कालिन सरपंच श्रीमती मंजुबाई प्रफुल्ल डामर के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही करने को निर्देषित किया है।
प्रधानाध्यापक रजनीकांत परिहार की दो वेतन वृद्धि रोकी
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने शासकीय माध्यमिक विद्यालय आड़ापथ के प्रधानाध्यापक रजनीकांत परिहार की तत्काल दो वेतन वृद्धियाॅ असंचयी प्रभाव से रोकने के निर्देष दिये है। कलेक्टर ने कहा हैं कि प्रधानाध्यापक द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है। विद्यालय में पेयजल की टंकी चालु नहीं हैं, आसपास गंदगी का अम्बार हैं, स्कूूल की कक्षाओं मंे स्वच्छता नहीं हैं, विद्यार्थियों में बुनियादी जानकारियों का भी अभाव हैं। कुल मिलाकर उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जाकर अपने कार्य के प्रति उदासिनता बरती जा रही है।
स्कूल न भेजकर काम पर ले जाने वाले पालकों के विरूद्ध होगी कार्यवाही
कक्षाओं में विद्यार्थियों से कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर द्वारा सामान्य जानकारी वाले प्रष्न पुछे गये। पुछे जाने पर इक्का-दुक्का विद्यार्थियों द्वारा ही जवाब दिये गये। जो कि पूर्णतः सत्य नहीं थे। कलेक्टर द्वारा पुछे जाने पर की विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर इतना कमजोर क्यो हैं। षिक्षको द्वारा अवगत कराया गया कि पालकों के द्वारा विद्यार्थियों को विद्यालय आने से न तो सिर्फ रोका जाता हैं बल्कि कई बार तो पालकगण विद्यार्थियों को दस-दस,पन्द्रह-पन्द्रह दिन अपने साथ अन्यत्र ले जाते है जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होती हैं और प्रतिपूर्ति करने में मुष्किलों का सामना करना पड़ता है। कलेक्टर ने कहा हैं कि ऐसे पालकगण जो कि बच्चों की पढाई छुड़वाकर अपने साथ काम पर ले जाते हैं अब उन पालकों के विरूद्ध भी कार्यवाही होगी।
अपने बच्चों को अपने विद्यालय में पढ़ाना होगा षिक्षकों को
शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययापन कार्य कराने वाले षिक्षकों को खूद के बच्चों को भी अब अपने विद्यालय में पड़ना अनिवार्य होगा। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने सर्व षिक्षा अभियान के समन्वयक डाॅ. राजेन्द्र कुमार सक्सेना को उक्त आषय के निर्देष जारी करने को कहा है। कलेक्टर ने प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों से बातचीत में पाया कि उन्हें बुनियादी जानकारी भी नहीं है।
टेªक्टर पुलिस की जप्ति में
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय उमर से बाहर आकर देखा कि ई-कक्ष जो कि संचालित नहीं हैं उसके पास एक टेªक्टर खड़ा हैं। विद्यालय के षिक्षक संतोष कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि टेªक्टर के बारे में पुछताछ करने पर पता चला कि वह वही पर खड़ा किया जाता है। टेªक्टर किसका पुछने पर यह बताया गया कि टेªक्टर शासकीय उ.मा.विद्यालय उमर के परिसर में ही मौजूद बालिका छात्रावास की अधीक्षका का है। कलेक्टर ने पुलिस को टेªक्टर को जप्ति में लेने के निर्देष दिये।