बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच नीतीश ने साबित किया बहुमत, मिले 131 वोट
पटना, 29 जुलाई (इ खबरटुडे)। बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच आज नीतीश कुमार ने अपना विश्वास मत हासिल कर लिया है। विपक्ष ने आज जमकर हंगामा किया लेकिन आखिरकार नीतीश ने अपना विश्वासमत हासिल किया और 131 के वोट पक्ष को मिले तो वहीं 108 वोट विपक्ष को मिले। नीतीश के विश्वास मत हासिल करते ही राजद ने सदन से वॉकआउट किया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
आज सुबह 11 बजे से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुई और तीखी बहस के बाद नीतीश के विश्वास मत पेश करने के बाद सदस्यों ने पहले सदन में सभी सदस्यों की हां और ना के बाद लॉबी डिवीजन से फ्लोर टेस्ट हुआ और ध्वनिमत से सदन में फैसला नहीं होने के बाद वोटिंग कराई गई।
विधानसभा में वोटिंग शुरू होने के बाद रजिस्टर पर एक-एक कर सदस्य अपने हस्ताक्षर किए। नीतीश ने तो विश्वासमत हासिल कर लिया है लेकिन राजद के तेवर को देखकर एेसा लगता है कि सरकार को पहली बार मजबूत विपक्ष का सामना करना पडे़गा।
10.30 बजे ही विधानसभा पहुंचे थे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह बहुमत साबित करने के लिए सुबह 10.30 बजे ही विधानसभा पहुंचे, उनके पहुंचने के थोड़ी देर बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी सदन पहुंचे। आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत पेश किया उसके बाद तेजस्वी ने नीतीश पर तीखा हमला किया और कई गंभीर आरोप लगाए।
नीतीश ने कहा- सत्ता भोग के लिए नहीं मिलती
पक्ष-विपक्ष के विवाद के बीच सदन में नीतीश कुमार ने विश्वासमत पर बोलते हुए कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करना चाहिए। हम एक-एक बात का सबको जवाब देंगे। सत्ता सेवा के लिए होता है, मेवा के लिए नहीं। नीतीश ने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का हमेशा पालन किया, लेकिन जब मेरे लिए मुश्किल आई तो इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि पच्चीस सीट नहीं मिल रही थी कांग्रेस को हमने चालीस दिलाई।सत्ता धन अर्जित करने के लिए नही होता। मैंने जनता के लिए ये फैसला लिया है, वोट देने वाली जनता परेशान थी और यह सरकार बिहार की जनता के लिए काम करेगी। मुझे कोई सांप्रदायिकता का पाठ ना पढाए। आज जुम्मे का दिन है और मैं कोई हंगामा नहीं चाहता।
तेजस्वी बने नेता प्रतिपक्ष, नीतीश पर लगाए गंभीर आरोप
बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही के भीतर भी राजद विधायक हंगामा किया और इसी बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया । विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया ।
नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफ हमला बोला । उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। नीतीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है। आपको शर्म नहीं आती आज सुशील मोदी के बगल में बैठने में। नीतीश जी का इस्तीफा और भाजपा का तुरत समर्थन ये सब पूरी प्लानिंग की गई थी और नैतिकता की बात करते हैं, ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है।
तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी रणछोड़ हो गए हैं, हे श्रीराम से जय श्रीराम कह पलटी मार गए। नीतीश के बगल में बैठे थे तो पता नहीं था इनका असली चेहरा अब नजर आया है। सुशील मोदी और नीतीश पर भी तो केस चल रहा है फिर इनदोनों ने शपथ कैसे ले ली?
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अाप तो इधर भी हैं और उधर भी, आपने समझा ही नहीं लालू यादव को अगर पुत्रमोह होता तो एेसा नहीं होता, लालू जी को पुत्रमोह नहीं भाई मोह था। आप एक बार बोल देते तो मैं इस्तीफा दे देता।
सुशील मोदी को भी जमकर कोसा तेजस्वी ने
तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से कहा कि आपको शर्म नहीं आती एेसी साजिश रच डाली। उन्होंने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए उसे माफ नहीं करूंगा। तेजस्वी के इन गंभीर आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तेजस्वी को भाषण खत्म करने का निर्देश दिया।
नंदकिशोर यादव ने कहा- जो लोग आरोप लगाए वो हमारे ही भाई हैं
भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने तेजस्वी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि अगर लालू को पुत्रमोह नहीं होता तो अब्दुल बारी सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री होते। उन्होंने कहा कि तेजस्वी थे उपमुख्यमंत्री और फैसला लेते थे लालू। नंदकिशोर यादव ने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं वो सब हमारे भाई हैं और कई हमारे संपर्क में हैं। आरजेडी की बातों का मैं बुरा नहीं मानता।