बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता और मरने के लिए रतलाम नगर निगम से सम्पर्क करे:देखिये वीडियो
शहर की सड़को पर राहगीरों की मौत का कारण बनने वाले आवारा मवेशियों की भरमार
रतलाम,09 जुलाई (इ खबरटुडे )। वैसे तो कहा जाता है की बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता इसी कहावत का चरितार्थ वर्तमान में रतलाम नगर निगम की कार्यप्रणाली कर रही है , जो नगर की जनता को स्वर्ग भेजने के लिए मरने के तरिके निर्मित कर रही है। इस वाक्य का अर्थ नगर निगम की कार्यशेली के रूप में देखा जा सकता है।
इन दिनों नगर की प्रमुख सड़को पर आवारा मवेशियों की हर तरफ भरमार है। लेकिन ये मवेशी केवल नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियो को छोड़ कर सभी को दिखाई देते है। इसी कारण इन मवेशियों को पकड़ने के लिए अभी तक कोई आदेश भी जारी नहीं किये गये है। आदेश जारी करने के लिए निगम आगामी दिनों ने इनसे होने वाले हादसों का इंतजार कर रहा है।
रतलाम नगर की सड़को पर इन दिनों आवारा पशु हर क्षेत्र में देखे जा सकते है। जिनसे यातायात बांधित होने के साथ सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को जान क खतरा बना रहता है। लेकिन नगर निगम कार्यवाही से पूर्व हादसे का इंतजार कर रहा है। इन आवारा पशुओ से निगम किसी अपने के साथ कोई हादसा ना हो जब तक अधिकारियो की सुस्ती नहीं उड़ेगी।
आखिर क्यू हादसों के बाद हरकत में आता निगम
नगर में कई समय से मौजूदा हालतो से प्रतीत होता है की नगर निगम हादसों से बाद एक्शन में आता है। उदाहरण के लिए 15 दिन पूर्व जर्जर मकान की छत गिरने से हुई 4 लोगो की मौत की घटना के बाद ही निगम ने जजर्र भवनों और मकानों को चिन्हित करना प्रारंभ किया। जिसके बाद जनता को भी समझ आ गया है की बिना हादसे से नगर निगम कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर सकता है। वास्तव में इस प्रकार की कार्यवाही निगम की प्रकति बन चुकी है।