November 15, 2024

बलूचिस्तान, सिंध, पीओके में घिरा पाकिस्तान, हुकूमत के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

मुजफर्राबाद,27अक्टूबर(इ खबरटुडे)।  सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान भारत के खिलाफ हर दिन साजिश कर रहा है, सीमा पर लगातार फायरिंग कर रहा है लेकिन हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रहा है, अब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के जिस हिस्से पर कब्जा कर रखा है वहां के लोग अब पाकिस्तान से आजादी पाने के लिए आखिरी जंग को तैयार हैं.22 अक्टूबर को काला दिवस मनाते हैं पीओके के लोग

22 अक्टूबर भारत के अविभाजित जम्मू-कश्मीर में विलय दिवस और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में काला दिवस. 69 साल पहले आज ही के दिन महाराजा हरिसिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर के बिना शर्त भारत में विलय के दस्तावेज पर दस्तखत किये थे.

पाकिस्तान से निजात पाने के लिए तड़प रहे हैं यहां के लोग

जम्मू-कश्मीर का पाकिस्तान के कब्जे में अब भी भारत के हिस्से का 13 हजार वर्गकिलोमीटर इलाका है जहां करीब 30 लाख लोग रहते हैं और पाकिस्तान से निजात पाने के लिए तड़प रहे हैं.

लोगों पर अत्याचार करती है पुलिस

पाकिस्तान के कब्जे वाले उसी कश्मीर यानी पीओके में लोग हुकूमत के खिलाफ सड़कों पर उतरकर काला दिवस मना रहे हैं. क्योंकि यहां के लोगों पर पाकिस्तानी पुलिस अत्याचार कर रही है. आपको बता दें कि 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना ने कबाइलियों के हुलिये में भारत पर हमला बोला था और पीओके के लोग इस दिन पाकिस्तान की हुकूमत और फौज को जमकर कोसते हैं.

पाकिस्तानी हुकूमत के लाख कहर के बावजूद लोगों के हौसले थमे नहीं हैं. वो सालों से खुद को पाकिस्तान से आजाद करने और पूरे कश्मीर को तबाह करने पर तुली पाकिस्तानी फौज को वापस जाने के लिए कह रहे हैं.

हर ओर से घिर चुका है पाकिस्तान

वहीं अभी दो दिन पहले ही बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में पाकिस्तान के सिंध, बलूचिस्तान और पीओके के बुद्धिजीवियों ने इकट्ठे होकर पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. इनके मुताबिक, पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के नाम पर आतंकियों को पाल पोस रहा है और पाकिस्तान-चीन इकॉनमिक कॉरिडोर भी सिंध और बलूचिस्तान को बरबाद करने की साजिश का हिस्सा है.

हर ओर से घिर चुका पाकिस्तान अपनी अवाम को भारत का खतरा दिखाकर सीमा पर ऊलजलूल हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. इस बार उसने रात के अंधेरे में जम्मू-कश्मीर के आर एस पुरा में फिर जमकर गोलियां बरसाई हैं.

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