बलात्कार की झूठी रिपोर्ट लिखाने पर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश,आरोपी बरी
रतलाम,28 दिसम्बर(इ खबर टुडे)। बलात्कार के मामलों में कडी सजा के प्रावधानों के बाद बलात्कार की फर्जी रिपोर्ट करने के मामले बढने लगे है। ऐसा ही एक मामला यहां जिला न्यायालय में सामने आया,जहां एक आदिवासी युवती ने भारतीय सेना के एक सिपाही के विरुध्द अपहरण और बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिला न्यायालय में एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने इस प्रकरण में जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया वहीं बलात्कार की झूठी रिपोर्ट कराकर न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य देने वाली फरियादिया और अन्य साक्षियों के विरुध्द पृथक से न्यायिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश भी दिए।
अभियोजन के अनुसार, पुलिस थाना ंिरंंगनोद के ग्राम रफूखेडी की एक आदिवासी युवती ने विगत 17 सितम्बर 2015को सेना में सिपाही के रुप में कार्यरत आरोपी अनारसिंह पिता दुलेसिंह गुर्जर पर अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किए जाने की रिपोर्ट पुलिस थाना रिंगनोद में दर्ज कराई थी। रिंगनोद पुलिस ने फरियादिया की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी अनारसिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान फरियादिया,उसके पिता भेरुलाल और भाई राहूल तीनों ही साक्षियों ने फरियादिया के साथ बलात्कार किए जाने की घटना से साफ इंकार कर दिया। उन्होने न्यायालय में यह भी स्वीकार किया कि उनका आरोपी से समझौता हो चुका है। अभियोजन साक्षियों के पक्षद्रोही हो जाने की स्थिति में विद्वान न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने जहां अभियुक्त अनारसिंह को अपहरण और बलात्कार के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया वहीं न्यायालय के समक्ष मिथ्या साक्ष्य देने के लिए अभियोक्त्रि,उसके पिता भेरुलाल और भाई राहूल के विरुध्द पृथक से न्यायिक प्रकरण पंजीबध्द करने के निर्देश दिए।